Showing posts with the label Aacharya ShreeShow all

Jivan Ko Sarthak Banane ke Liye Pramad Nahi Kare

जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रमाद नहीं करे ★ गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ने सरलतापूर…

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Maryada, Lakshman Rekha mein Rahane Vaala Parivaar Rahata Surakshit

मर्यादा, लक्ष्मण रेखा में रहने वाला परिवार रहता सुरक्षित : गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरज…

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Trpti Mein hi Hai Anand ki Anubhooti

तृप्ति में ही है आनन्द की अनुभूति - गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी चेन्नई 05.08.2023 : श…

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Self-Tomb is Self-Joy, self-Energy

आत्म समाधि ही आत्म आनन्द है, आत्म ऊर्जा है - गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ हठाग्रह, क…

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Soch Samajh kar Kare Samay ka Upayog : Jinamaniprabhasurishvaraji

सोच समझ कर करे समय का उपयोग : गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ समय की बहुमूल्यता को पहचा…

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Manushy Bhav Mein Hi Hota Chetana ka Rupantaran 

मनुष्य भव में ही होता चेतना का रुपान्तरण : आचार्य जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ विपरीत परिस्थिति…

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Parmatma Vanee Par Ghanibhot ho Shradha

परमात्म वाणी पर घनीभूत हो श्रद्धा : गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ अनुमोदनीय घटनाओं का…

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Dharm Vyapar Mein Bane Profit Sampann

धर्म व्यापार में बने प्रॉफिट सम्पन्न : गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ श्रवण क्रिया से …

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Chitt Malin Na Ho : Jinamaniprabhasoorishvaraji

चित्त मलीन न हो : जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ कषायों से दूर होने की दी प्रेरणा चेन्नई 25.07.20…

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Manushya Bhav me hi Sambhav Rag Dvesh ki Gantho ko Kholna

मनुष्य भव में ही सम्भव राग द्वेष की गांठों को खोलना : जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ खतरगच्छ दिवस…

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Maa ke prem me Akhand vatsalya

माँ के प्रेम में अखण्ड वात्सल्य है : जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ माता-पिता के उपकार से उपकृत ब…

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Apne Aap ko Pahachanane ki Kare Kosish

अपने आप को पहचानने की करें कोशिश - जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ दीक्षा के लिए उम्र नहीं, अपितु …

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Vah Dukha Sada Swikar, Jiske Piche DHARM Ho

वह दु:ख सदा स्वीकार, जिसके पिछे धर्म हो : गच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी ★ कर्तव्य बोध क…

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Sukh Aantrik Prasannata, Ullasata He

सुख आंतरिक प्रसन्नता, उल्लासता है : जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी चेन्नई 11.07.2023 : श्री मुनिसुव…

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Vinay Aane Par Swatah Aa Jati Labdhi

विनय आने पर स्वतः आ जाती लब्धि : जिनमणिप्रभसूरीश्वर गौतम गणधर की तरह समर्पण, श्रद्धा, विन…

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