समय की पहचान करने वाला होता है ज्ञानवान - साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा

★ तपस्या की लग रही झडी

 हैदराबाद 25.07.2023 : तेरापंथ भवन, सिकंदराबाद के विशाल प्रांगण में उपस्थित विशाल श्रावक समाज को प्रतिबोधित करते हुए साध्वीश्री मंगलप्रज्ञाजी ने कहा- अध्यात्म जगत से प्रश्न उठा कि ज्ञानी कौन है? इसका समाधान दिया गया है- जिसने अनेकों डिग्रीया हासिल कर ली है, वह सबसे बड़ा ज्ञानी है। किसी ने कहा प्राचीन शास्त्रों का अध्येता महाज्ञानी का कहलाता है, पर प्रश्नकर्ता को आत्मतोष नहीं हुआ। 

भगवान महावीर से चार ज्ञान के धनी प्रमुख गणधर इंद्रभूति गौतम ने जब यह प्रश्न पूछा - भंते! ज्ञानी कौन है, पंडित कौन है? इस पर भगवान ने कहा - "खण जाणाहि पंडीऐ" यानी समय को जानने वाला ही ज्ञानी और पंडित होता है। हम देख रहे हैं संपत्ति, पद, प्रतिष्ठा सब समय के साथ प्राप्त होते हैं। जरूरत है समय का सही मूल्यांकन हो। जिंदगी का महत्वपूर्ण अंग है समय की नब्ज को पहचानना।  भगवान महावीर ने कहा है समय को व्यर्थ न गंवाओ। बीता हुआ समय पुनः नहीं लौटता है। हमें वर्तमान को सार्थकता के साथ जीने का प्रयास करना चाहिए। अवसर को खोने वाला बहुत कुछ पाने से वंचित रह जाता है। अध्यात्म जगत में जीने के लिए समय प्रबंधन बहुत आवश्यक है। घड़ी में चलती हुई सुई हर वक्त गतिशीलता की प्रेरणा देती है। बीतने वाला समय पुनः लौटकर नहीं आता, इसलिए हमें हर क्षण को जागरूकता के साथ जीने का प्रयास करना चाहिए।

◆ विकास के लिए समय प्रबंधन बेजोड़ तरीका

साध्वीश्री ने आगे कहा - विकास के लिए समय प्रबंधन बेजोड़ तरीका है। समय कम और ज्यादा नहीं होता। चिंतन की शैली से प्राप्त समय का सदुपयोग किया जा सकता है। जिंदगी का बीता हर वक्त सर्जन के गीत सुनाता है, इसलिए आवश्यकता है अतीत से प्राप्त सीख को वर्तमान में सत्संकल्प बनाएं, जिससे शुभ भविष्य आपके सामने सदैव रहेगा।

 चातुर्मास में श्रावक समाज पंचाचार की साधना में प्रति जागरुक है। तप, जप, स्वाध्याय, ध्यान एवं प्रवचन से खुद को भावित कर रहा है। 

 तप की श्रंखला में श्रीमती सुधा सेठिया ने साध्वीश्री द्वारा ग्यारह के तप का प्रत्याख्यान किया। श्रीमती शर्मिला बेद ने आठ की लडी में अपना नाम दर्ज करवाया। दोनों तपस्वी बहनों के प्रति साध्वीवृदं ने संगान कर आत्मिक अनुमोदना की। तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद अध्यक्ष श्री बाबूलाल बेद, मंत्री सुशील संचेती, तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष निर्मल दुगड़ एवं महिला मंडल सदस्यों ने तपस्वी बहनों का सम्मान किया। 


जयपुर से समागत साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी की संसार पक्षीय भाभी उपासिका ललिता सेठिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे मोमासर सेठिया परिवार से तीन संताने साध्वी अणिमाश्री, साध्वी मंगलप्रज्ञाजी, साध्वी सुधाप्रभाजी तेरापंथ धर्मसंघ में समर्पित है। जिससे सारा परिवार गौरव की अनुभूति करता है।

समाचार प्रदाता राजेन्द्र बोथरा


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