जैन तेरापंथ वेलफेयर ट्रस्ट चेन्नई, साहित्य संस्थान तुलसी तीर्थ टाड़गढ़ के अध्यक्ष
श्री देवराज आच्छा 'लौह पुरुष एकता' अवार्ड से सम्मानित
चेन्नई : समरसता मंच एवं इंडो नेपाल समरसता आर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस पर रोटरी क्लब सभागार, जयपुर में आयोजित भव्य कार्यक्रम- जिसमें 25 देशों के राष्ट्रीय ध्वज लगे थे, मगरा भालिया विकास संघ, श्री मांगट देव विकास एवं प्रबंधन समिति, बड़ा खेड़ा व साहित्य संस्थान तुलसी तीर्थ टाड़गढ़ के अध्यक्ष एवं जैन तेरापंथ वेलफेयर ट्रस्ट चेन्नई के संस्थापक अध्यक्ष श्री देवराज आच्छा जैन, चेन्नई को उनकी राजस्थान एवं तमिलनाडु में समाज सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मान स्वरूप 'लौह पुरुष एकता' अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य और संस्थान के अध्यक्ष नेपाल के प्रथम उपप्रधानमंत्री महामहिम न्यायमूर्ति श्री परमानंदजी झा एवं अन्य विशिष्ट जनों ने यह सम्मान प्रदान किया।
श्री जैन ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में विश्व गुरु बनने की क्षमता है। भारतीय संस्कृति एक वैज्ञानिक संस्कृति है। हमारा साहित्य ज्ञान का अकूत भंडार है। अगर सनातन संस्कृति के वेद एवं उपनिषद्, जैन आगम साहित्य व बौद्ध पिटक साहित्य पर गहन शोध हो तो आज का विज्ञान भी हमें छोटा लगेगा। आवश्यकता है हम हमारी संस्कृति पर गर्व करें और उसे पाश्चात्य संस्कृति से बचाते हुए हमारे एक-एक युवक को नशे से दूर रखने का प्रयास करें और उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ायें। हर व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए, अगर हम ऐसा करते हैं तो कोई कारण नहीं कि भारत विश्व गुरु बने। हमारी भारतीय संस्कृति शांति सिखाती है, मर्यादा सिखाती है और अनुशासन सिखाती है। भारतीय संस्कृति से ही विश्व शांति संभव है। श्री जैन ने आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके द्वारा प्रदत्त सम्मान मुझे जीवन में और सेवा करने हेतु प्रेरित करेगा।
श्री देवराज जैन को मिले प्रतिष्ठित 'लौह पुरुष' सम्मान से राजस्थान और तमिलनाडु के समस्त राजस्थानी एवं जैन समुदाय में हर्ष की लहर है।


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