धार्मिक संस्कारों से परिपूर्ण बनाती ज्ञानशाला : साध्वी अणिमाश्री

¤ ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव का समायोजन

 बालोतरा : जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा तथा ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के निर्देशन में, तेरापंथ सभा, बालोतरा की आयोजना में ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव 'उमंग जीवन में भरे नवरंग' का आयोजन आचार्य महाश्रमणजी की सुशिष्या शासनश्री साध्वी सत्यप्रभाजी ठाणा 4 की पावन प्रेरणा व प्रबुद्ध साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ठाणा 5 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, आचार्य महाश्रमण मार्ग में आयोजित हुआ।

 साध्वीश्रीजी के नमस्कार महामंत्र समुच्चारण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। ज्ञानशाला का प्राण नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा 'अर्हम् अर्हम् की वंदना फले' गीत प्रस्तुत किया गया।

 साध्वीश्री अणिमाश्रीजी ने प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि बाल पीढ़ी में त्याग के, संयम के संस्कार कूट-कूट कर भरे जाएं, ताकि वह समाज में फैली कुरीतियों पर लगाम लगा सके। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाएँ अच्छा श्रम करती है, आगे भी करती रहे। ज्ञानशाला के माध्यम से ज्ञानार्थीओ में बचपन से ही धार्मिक संस्कारों के ढांचे में ढाला जाता है। उसी से उनका आने वाला कल मंगलमय हो पाता है।


 स्वागत स्वर प्रस्तुत करते हुए तेरापंथ सभाध्यक्ष श्रीमान महेंद्र वैदमेहता ने ज्ञानशाला की रुपरेखा बताते हुए कहा कि बालोतरा में 11 जगह ज्ञानशालाएँ संचालित होती है, जिसमें लगभग 250 ज्ञानार्थी ज्ञानार्जन करते हैं। 60 प्रशिक्षक अपने समय, श्रम का नियोजन कर बच्चों में सत संस्कारों का बीजारोपण करते है।


 मुख्य प्रशिक्षिका राणी बाफना ने बताया कि बच्चों का भविष्य ही हमारा भविष्य है। बच्चों में संस्कार निर्माण के लिए ज्ञानशाला बहुत बड़ा माध्यम है। इस माध्यम की शुरुआत गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी ने की और वर्तमान में पूज्य गुरुदेव आचार्य महाश्रमणजी के नेतृत्व में ज्ञानशाला खुब फल-फूल रही है। इसी उद्देश्य को लेकर के प्रेरणा, प्रस्तुति और प्रोत्साहन का त्रिवेणी संगम ज्ञानशाला का वार्षिक उत्सव में मनाया गया।


 सिवांची मालाणी संस्थान और ओसवाल समाज के अध्यक्ष श्री शांतिलालजी डागा ने वक्तव्य प्रस्तुत किया। 

 सम्मान- मुख्य प्रशिक्षिका राणी बाफना और सौम्या बालड का श्रेष्ठ प्रशिक्षक और श्रेष्ठ ज्ञानार्थी चयन होने पर स्थानीय सभा और ज्ञानशाला परिवार द्वारा सम्मान किया गया।

अतिथिगणों का अभिनंदन-  ज्ञानशाला संयोजक मोहनजी बाफना ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीडीओ हीरालालजी चौधरी साहब, विशिष्ट अतिथि डॉ विकासजी पालीवाल और डॉक्टर हीरालालजी चोपड़ा के साथ महासभा के कार्यकारिणी सदस्य धनराजजी ओस्तवाल, बाहुबलीजी भंसाली, ज्ञानशाला मारवाड़ आँचल के आंचलिक सहसंयोजक मनोजजी ओस्तवाल सहित संपूर्ण श्रावक समाज का स्वागत अभिनंदन किया।


ज्ञानार्थीओ द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियाँ- कार्यक्रम ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा विविध प्रकार के कार्यक्रम भिक्षु स्वामी कव्वाली, ज्ञानशाला की बुक्स पर डिजिटल प्रोग्राम- एनिमेटेड बुक्स, बागबान डांस, कंठस्थ ज्ञान का पुनरावर्तन, चेंज विद बिगिंस सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार और नमस्कार महामंत्र का चमत्कार अमर कुमार का परिसंवाद प्रस्तुत किया गया।


 प्रोग्राम की शानदार प्रस्तुति का श्रेय ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों और प्रशिक्षकों को जाता है, उनकी कड़ी मेहनत ने प्रोग्राम को सफलतम बनाया।


 विशिष्ट जनों की उपस्थिति- इस कार्यक्रम में तेरापंथ सभा मंत्री प्रकाशजी वेदमेहता, सभा के अन्य पदाधिकारीगण, ज्ञानशाला उपसंयोजक व तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष संदीपजी रेहड व सदस्य पवनजी बालड़ और खुशालजी ढेलडिया, निवर्तमान संयोजक राजेशजी बाफना, महिला मंडल अध्यक्षा चंचलदेवी भंडारी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष जवेरीलालजी सालेचा, TPF के अध्यक्ष रमेशजी भंसाली, किशोर मंडल संयोजक प्रवीण चौरड़िया, कन्या मंडल संयोजिका भाविका बागरेचा और उनकी पूरी टीम, ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी, प्रशिक्षक, अभिभावक गण उपस्थित रहे।


कार्यक्रम का कुशल संचालन सहप्रशिक्षिका संगीताजी बोथरा एवं अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के मारवाड़ अंचल प्रभारी, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका मीनाजी ओस्तवाल ने किया। आभार ज्ञापन उपसंयोजिका अयोध्यादेवी ओस्तवाल ने किया।