बुधवार को होगा आचार्य श्री महाश्रमणजी का मुम्बई में चातुर्मासिक प्रवेश
फाइल फोटो |
★ 69 वर्षों के बाद जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य का मुंबई महानगर में चातुर्मास : अदम्य उत्साह
★ 150 से अधिक साधु-साध्वी वृंद, हजारों श्रावक : देश विदेश से आएंगे श्रद्धालु
★ 29 जून को आयोजित होगा दीक्षा समारोह – तीन श्रेणियों में होगी दीक्षा
मुम्बई 26.6.2023, सोमवार : - समय के साथ बहुत कुछ बदलता है, लेकिन इतिहास के कुछ क्षण होते है जो अंकित होते है स्वर्णाक्षरों में। ऐसा ऐतिहासिक क्षण जैन तेरापंथ धर्मसंघ के मुंबई महानगर के इतिहास में 69 वर्ष पूर्व सन 1954 में आया था जब भारत देश के प्रखर राष्ट्रसंत, अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री तुलसी का मुंबई में आगमन हुआ था एवं चातुर्मास भी हुआ था।
ठीक 69 वर्षों के बाद उन्हीं आचार्य परंपरा के ग्यारहवें आचार्य श्री महाश्रमणजी का धवल रश्मियों के साथ वर्ष 2023 में मुंबई महानगर में चातुर्मास प्रवेश बुधवार होने जा रहा है, जो कई मायनों में विशेष है और इसलिए संपूर्ण मुंबई एवं आसपास के क्षेत्रों के श्रावक समाज मे इस चातुर्मास को लेकर अदम्य उत्साह है।
◆ चातुर्मास प्रवास : मुंबईकरों के लिए आध्यात्मिक उन्नयन का सुनहरा अवसर
प्रत्येक मुंबईकर के लिए भागदौड़ भरी व्यस्त जीवन शैली जहां सामान्य बात है, रोड पर दौड़ते वाहन, लोकल ट्रेन में अपने अपने दफ्तर पहुंचने की जल्दी में कर्मचारीगण, मेट्रो में यतायित हजारों यात्री मुंबई की फास्ट लाइफ स्टाइल के प्रतीक है। लेकिन यही फास्ट लाइफ स्टाइल में शांति का एहसास, परम आनंद की अनुभूति एवं उल्लासमय ठहराव का स्थल बनने जा रहा है आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल, जहां हर मुंबईकर अनन्य आनंद की अनुभूति करेगा।
◆ गुरुवाणी से जीवन उत्थान का अभिनव क्रम
चातुर्मासकाल में परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी के मुखारविंद से जीवन को नया दिशाबोध देने वाली कल्याणकारी वाणी सुनने का अवसर मिलेगा, तो कई आध्यात्मिक एवं सामाजिक विषयों पर विभिन्न आयोजन होंगे। जिसमें देशभर से अनेकों श्रद्धालु शामिल होंगे। तो महानगर मुंबई के अनेकों व्यक्ति भी अमृतवाणी का लाभ उठाएंगे। जो तनाव, अकेलेपन, डिप्रेशन, फास्ट लाइफ से जूझ रहे अतृप्त मानस को आत्मिक संबल प्रदान करेगा। प्रतिदिन प्रातः बृहद मंगलपाठ, प्रवचन माला, तत्व ज्ञान, एवं रात्रिकालीन अर्हत वंदना जैसे दैनिक कार्यक्रम का आयोजन होगा, तो पूज्य प्रवर के दर्शन सेवा करने का अवसर भी मिलेगा।
◆ देशभर से गणमान्य व्यक्तित्वो के समागत होने की संभावना
आचार्य महाश्रमणजी ने देश भर की 55000 किमी की पदयात्रा कर जन उत्थान का कार्य किया है और उसकी बदौलत देशभर में आचार्य प्रवर के प्रति अपनी श्रद्धा रखने वाले लाखों लोग शामिल है। चूंकि मुंबई शहर भारत देश के हर कोने से यातायात से जुड़ा हुआ है तो यह माना जा रहा है की पूज्य प्रवर के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं का मेला लगेगा।
साथ ही आपने आपके व्यक्तित्व, प्रबुद्धता एवं देश कल्याण के कार्यों से आप एक महान आचार्य के रूप में प्रतिष्ठित है तो देश एवं राज्यभर के विभिन्न राजनेता गण, सरकारी क्षेत्र में कार्यरत उच्च स्तरीय पदाधिकारीगण आदि सहित अनेकों विशिष्ठ गण भी दर्शनार्थ पहुचेंगे।
चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर आचार्य प्रवर का अभिनंदन करने महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष श्री राहुलजी नार्वेकर, विधायक श्री प्रतापजी सरनायक, श्री गणेशजी नायक की उपस्थिति रहेगी।
◆ नंदनवन में होगा चातुर्मासिक प्रवास
प्रकृति के मध्य बसे घोडबंदर रोड के पास में नंदनवन परिसर में आचार्य श्री महाश्रमणजी सहित बहुश्रुत परिषद् के संयोजक मुख्य मुनि श्री महावीरकुमार, साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी, साध्वीवर्या श्री सम्बुद्धयशाजी सहित 45 संतगण एवं 120 से अधिक साध्वीवृंद का प्रवास होगा, दैनिक लगभग 10000 लोगो के आगमन की संभावना है। विशाल प्रवचन पंडाल में करीब 15000 श्रद्धालु प्रवचन श्रवण करेंगे तो भोजनशाला में दैनिक भोजन की व्यवस्था रहेगी। अस्थाई कुटीर में यहाँ श्रद्धालु रुक कर सेवा का लाभ उठाएंगे।
★ 29 जून को आयोजित होगा दीक्षा समारोह – तीन श्रेणियों में होगी दीक्षा
आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में २९ जून २०२३ को दीक्षा महोत्सव का आयोजन होगा। जो अपने आप में विलक्षण होगा क्योंकि तेरापंथ धर्म संघ के इतिहास में मुंबई में इस प्रकार का प्रथम आयोजन होगा जिसमे समणी से श्रेणी आरोहण, मुमुक्षु से मुनि दीक्षा एवं मुमुक्षु से समणी दीक्षा का आयोजन होगा। इस विलक्षण अवसर से पूर्व दिक्षार्थी शोभायात्रा का आयोजन २८ जून २०२३ को दोपहर २ बजे साध्वी प्रमुखा प्रवास स्थल से होगा।
◆ समणी से श्रेणी आरोहण कर साध्वी दीक्षा
1. समणी विनीताप्रज्ञा
2. समणी जगतप्रज्ञा
◆ मुमुक्षु से मुनि दीक्षा
1. मुमुक्षु विपुल जैन (भिवानी, हरियाणा)
◆ मुमुक्षु से समणी दीक्षा
1. मुमुक्षु अंकिता चौरडिया (निवासी : लाडनूं राजस्थान प्रवासी: कोलकाता पश्चिम बंगाल)
2. मुमुक्षु संजना पारख (निवासी: राजगढ़, राजस्थान प्रवासी : हावड़ा)
3. मुमुक्षु आयुषी चोपड़ा (निवासी: जसोल, राजस्थान प्रवासी : गुंटकल आंध्र प्रदेश
4. समता बोथरा (निवासी : पुनरासर गंगाशहर, प्रवासी : इस्लामपुर मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल)
साभार - आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति, मुंबई
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