मन की चंचलता को मिटाने का महत्वपूर्ण उपक्रम है ध्यान - आचार्य श्री महाश्रमणजी


★ अणुव्रत यात्रा के साथ वडोदरा पधारे हुए आचार्यश्री का मंगल उद्बोधन

◆ मार्गवर्ती क्षेत्रों में स्कूल के विद्यार्थियों ने पूज्य प्रवर से ग्रहण किए व्यसनमुक्ति के संकल्प

वडोदरा 07.04.2023 : अणुव्रत अनुशास्ता  आचार्य श्री महाश्रमण जी ओमकार तीर्थ पदमला से पदयात्रा (विहार) करते हुए आज वडोदरा स्थित नक्षत्र रिसोर्ट पधारे। धवल सेना के साथ विहाररत आचार्य श्री का मार्ग में अनेक लोगों ने उत्साह पूर्ण स्वागत किया।

इस अवसर पर अणुव्रत समिति वडोदरा के तत्वावधान में नक्षत्र रिसोर्ट में आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए परम् पूज्य आचार्य प्रवर ने फरमाया कि मनुष्य की इंद्रियां चंचल होती है लेकिन उससे भी अधिक चंचल है मनुष्य का मन। मन की चंचलता को दूर करना अत्यंत कठिन है। मन की चंचलता को दूर करने का सबसे कारगर उपाय है ध्यान। आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने प्रेक्षाध्यान का प्रवर्तन किया। प्रेक्षाध्यान के अनेकों शिविरों का संचालन किया। प्रेक्षाध्यान के अंतर्गत श्वास प्रेक्षा एवं कायोत्सर्ग द्वारा मन की चंचलता को बहुत अच्छे ढंग से अंकुशित किया जा सकता है। ध्यान के प्रयोगों द्वारा एकाग्रता सधती है। 

साध्वी प्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी ने कहा कि आचार्य श्री महाश्रमणजी सशक्त आभामंडल के धारक हैं। वे सद्भभावना, नैतिकता और नशा मुक्ति के त्रिविध उद्देश्यों के साथ अणुव्रत यात्रा कर रहे हैं। उनकी यह अणुव्रत यात्रा सामाजिक विकास एवं राष्ट्रीय उत्थान की द्योतक रही है।

अणुव्रत समिति वडोदरा के अध्यक्ष श्री संतोषजी सिंगी, तेरापंथी सभा वडोदरा के अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी वडोदरा के अध्यक्ष श्री विजयभाई शाह आदि ने प्रासंगिक अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मंडल, युवक परिषद् द्वारा मधुर गीत का संगान किया गया। ज्ञानशाला के बालकों द्वारा रोचक परिसंवाद की प्रस्तुति हुई।

इससे पूर्व अणुव्रत विश्वभारती द्वारा गुजरात पब्लिक स्कूल, वडोदरा तथा महावीर इंटरनेशनल द्वारा संचालित आदिवासी स्कूल के बच्चों को अणुव्रत डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। अणुविभा गुजरात प्रभारी श्री अर्जुन मेडतवाल , महासभा सहमंत्री श्री अनिलजी चंडालिया, अणुव्रत समिति वडोदरा के अध्यक्ष श्री संतोषजी सिंघी, मंत्री श्री राजेशजी मेहता, आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति सूरत के अध्यक्ष श्री संजयजी सुराणा, उधना सभा अध्यक्ष श्री बसंतीलालजी नाहर आदि ने पधारे हुए मेहमानों का स्वागत, सम्मान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि श्री दिनेशकुमारजी ने किया। सूरत से समागत अणुव्रत के कार्यकर्ता श्री कन्हैयालाल पारख, श्री मधुर आंचलिया और सुशील बेद का अच्छा सहयोग रहा।

समाचार साभार : अर्जुन मेड़तवाल


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