मस्ज़िद- नूर नबी, चूरु में अणुव्रत आचार संहिता का उर्दू में लिखा बोर्ड लगा नया इतिहास रचा
★ अमन चैन का पैगाम है अणुव्रत - मौलाना आवेश अजा नूरी
नई दिल्ली/ चुरू (राजस्थान) 01 मार्च 2023 :- अणुव्रत आन्दोलन के प्रवर्तक आचार्य तुलसी द्वारा दिए गए नारे "इन्सान पहले इन्सान -फिर हिन्दु या मुसलमान" को चुरू (राजस्थान) की मस्ज़िद नूर नबी ने अणुव्रत आन्दोलन के 75 वें वर्ष हीरक जयंती अमृत महोत्सव पर मस्ज़िद के आगे आचार संहिता का उर्दू में लिखा बोर्ड लगा कर न केवल सार्थक कर दिखाया है, वरन एक नया इतिहास भी रच दिया।
मौलाना आवेश अजा नूरी, मस्जिद कमेटी अध्यक्ष जनाब गुलाम मोहम्मद शमशेर खान की अगुआई मे एडवोकेट हकीम अहमद खान, अशोक जैन, आरिफ़ खान की विशेष उपस्थिति में चूरू की मस्ज़िद नूर नबी, दरगाह- नूर नबी जो स्टेशन रोड, शास्त्री मार्केट मे स्थित हैं, वहा के मुख्य प्रवेश द्वार पर “अणुव्रत आचार संहिता“ बोर्ड लगाया गया।
इस अवसर पर मौलाना आवेश अजा नूरी ने कहा कि अणुव्रत के 11 नियम अमन चैन का पैगाम है। अणुव्रत के साथ जुड़ने तथा अणुव्रत के इन नियमों को आत्मसात करने से से देश में अमन, चैन और भाईचारा बढ़ेगा। साथ ही देश की गंगा, यमुना संस्कृति को भी ताकत मिलेगी।
यह पहल अणुव्रत विश्व भारती के अध्यक्ष अविनाश नाहर के नेतृत्व में अणुव्रत विश्व भारती की संगठन मंत्री डॉ. कुसुम लुनिया के दिल्ली से दिए गए दिशा दर्शन में अणुव्रत समिति चुरू की अध्यक्षा रचना कोठारी और मंत्री ताहिर खान की टीम द्वारा की गई, जिससे यह स्वर्णिम इतिहास रचा जा सका है और इसे देख हर कोई आल्लाहित हो रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि आचार्य तुलसी ने समग्र मानव जाति की बेहतरी के लिए अणुव्रत को 11 नियमों में ढालकर 01 मार्च 1949 को अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन किया था। वर्तमान अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी ने हाल ही अणुव्रत के 75वें स्थापना दिवस पर अणुव्रत यात्रा की उद्धोषणा कर पुरे विश्व को संयम एवं सौहार्द का संदेश दिया है। चुरू में विराजित पृथ्वीराज स्वामी ने कहा कि अणुव्रत के नियम किसी सम्प्रदाय विशेष के लिए नहीं बल्कि मानव मात्र के लिए कल्याणकारी है।
You can also send your news here for publication.
For More Information & Booking About Vijay Palace (अस्थाई निवास)
Call +91-9080972748
Post a Comment
Post a Comment