नये साल की नई सौगात, नव ऊर्जा के साथ हो : साध्वी डॉ गवेषणाश्री
वि. सं. प्रारम्भ पर आयोजित मंगल मंत्रोच्चार से भावित हुए श्रद्धालुजन
सेलम 22.07.2023 : विक्रम संवत 2080 चैत्र शुक्ल नवरात्र के शुभारम्भ अवसर पर डा. साध्वी गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में मंगल मंत्रोच्चार के साथ मंगल कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
नमस्कार महामंत्र से शुभारम्भ कार्यक्रम में डा. साध्वी गवेषणाश्रीजी ने कहा- जैन धर्म में मंगल शब्द का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। मंगल 2 प्रकार का होता है- द्रव्य मंगल और भाव मंगल। द्रव्य मंगल की अपनी उपयोगिता है, तो भाव मंगल की अपनी। शास्त्रों में 3 मंगल आते है- आदि मंगल, मध्य मंगल और अन्तमंगल। मंगल स्तुति करने के पीछे तात्पर्य है- श्रेय कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न हो। आज हम भी नववर्ष के प्रारंभ में मंगलभावनाओं से अपने आपको भावित करे और एकवर्ष के लिए कोई संकल्प के साथ चिन्तन रहे कि यह मेरा नव वर्ष शुभमय, कल्याणमय, मंगलमय से व्यतीत हो रहा है।
साध्वी मयंकप्रभा ने कहा- नई सोच नये चिंतन, नव उल्लास के साथ नववर्ष में प्रवेश करे एवं सोचे मेरा हर दिन दिव्य, हर सप्ताह सौम्य, हर महिना महनीय और हर वर्ष विशेष बने। साध्वी दक्षप्रभा ने "खुशियों की ले सौगात" भावपूर्ण कविता प्रस्तुत की।
सेलम सभाध्यक्ष राजेशजी भंसाली, युवक परिषद् अध्यक्ष तरुण धानी, अखिल तेरापंथ महिला मंडल की कार्यकारिणी सदस्या शालिनी लुंकड, मंत्री सरिता चौपडा, त्रिपुर से समागत सभाध्यक्ष अनिलजी, महिला मंडल की सक्रिय कार्यकर्ता संजू दुगड, सूरत से समागत उपासक शिविर के पूर्व संयोजक विनोद बांठिया ने भावाभिव्यक्ति दी। साध्वी मेरुप्रभा कुशलतापूर्वक कार्यक्रम संचालन के साथ सुमधुर गतिका प्रस्तुत की। सभी साध्वियों के मंगल मंत्रोच्चारण से तेरापंथ भवन मंत्रमय बन गया। अनेक नये-नये मंत्रोच्चार किये। बहुत अच्छी संख्या में भाई बहिनों ने मंगलपाठ में भाग लिया और आनन्दानुभूति महसुस की।
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