युवा वायु की तरह रहे गतिशील - मुनिश्री जिनेशकुमार
★ कोलकाता स्तरीय युवा सम्मेलन - 2023 का भव्य आयोजन
◆ 11 परिषदों के 220 युवाओं ने निभाई सहभागिता
लिलुआ (कोलकाता) 19.01.2023 ; युगप्रधान शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेशकुमारजी ठाणा-3 के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में कोलकाता स्तरीय युवा सम्मेलन- 2023 का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद, लिलुआ द्वारा जी टी रोड़ स्थित हनुमान भक्त मण्डल प्रांगण में किया गया।
इस सम्मेलन में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा, उपाध्यक्ष वरिष्ठ श्री रमेश डागा, सहमंत्री श्री अनंत बागरेचा, प्रबुद्ध विचारक श्री नवीन बैंगानी, साईबर एक्सपर्ट श्री संदीप प्रकाशजी गादिया, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री संदीप डागा, श्री सुनील दुगड़, श्री जय चोरडिया, श्री सुमित कोठारी, श्री सूर्यप्रकाश डागा श्री प्रवीण सिंघी, श्री विरेन्द्र बोहरा आदि गणमान्य लोग विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस सम्मेलन में वृहत्तर कोलकाता की 11 शाखा परिषदों की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही। लिलुआ, हिन्दमोटर, साऊथ हावडा, उत्तर हावड़ा, दक्षिण कोलकता, पूर्णाचल, बेहाला, टॉलीगंज, उत्तर कोलकाता , कोलकाता मैन, मध्यउत्तर कोलकाता शाखा परिषदों ने हिस्सा लिया।
संगठन का अर्थ है- साथ में रहना
युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेशकुमारजी ने कहा कि सामाजिक एवं धार्मिक चेतना के जागरण का एक सशक्त माध्यम है- संगठन। संगठन में शक्ति होती हैं। शक्ति, शक्ति को आकर्षित करती है। शक्ति व दायित्व बोध के अभाव में अच्छे से अच्छा संगठन भी तिनकों की तरह बिखर जाता है। उद्देश्य और दायित्व के साथ चलने वाला छोटे से छोटा संगठन भी आकाशव्यापी ऊंचाईयों को प्राप्त कर सकता है। संगठन का अर्थ है- साथ में रहना। बिखरे हुए अंगूरों की तुलना में, गुच्छे वाले अंगूर का मूल्य अधिक होता है। उसी प्रकार समाज, व्यक्ति संगठित है, तो उसका मूल्य शतगुणित हो जाता है। संगठन प्राणवान है, तो बड़े से बड़ा कार्य भी आसानी से किया जा सकता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि संगठन को दीर्घजीवी व मजबूत बनाने के लिए सहिष्णुता, सामञ्जस्य, समर्पण, विश्वास, श्रम, मधुर भाषा, मधुर व्यवहार, सकारात्मक चिंतन, श्रम आदि गुणों की आवश्यकता रहती है।
युवा समाज की तस्वीर
मुनिश्री ने विशेष रूप से कहा कि युवा समाज की तस्वीर है, युवा समाज की तकदीर है, युवा समाज की जमीर है, युवा पराक्रम का प्रतीक है, समाज का प्रतिबिम्ब है, युवा ऊर्जा का अक्षय भंडार है। युवा वायु की तरह गतिशील रहे। युवा व्यसन और फेशन से बचे, होटल और बोटल से बच्चे। देव, गुरु, धर्म के प्रति आस्था रखे। संस्कार और संस्कृति की सुरक्षा रखते हुए सेवा भावना व सहयोग का विकास करे। प्रेम दुनिया का सबसे खूबसूरत पौधा है, जो जमीन पर नहीं, दिल में उगता है। जहां प्रेम और सौहार्द है, वहां संपत्ति है। कोई भी निर्देश मिले उसमें उदासीनता का भाव नहीं, प्रसन्नता का भाव होना चाहिए। कर्तव्य समझकर कार्य को निष्ठा के साथ संपादित करें। लिलुआ की युवाशक्ति ने उत्साह के साथ कार्य किया। वे सभी साधुवाद के पात्र है। मुनिश्री कुणालकुमारजी ने सुमधुर गीत का संगान किया।
जीवन में जैनत्व के संस्कार रहे सुरक्षित : पंकज डागा
अभातेयुप वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री रमेश डागा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा - युवा अवस्था में विभिन्न जिम्मेदारियो के साथ धर्मसंघ एवं संगठन से जुड़े एवं अपना समय दें।
अभातेयुप सहमंत्री श्री अनंत बागरेचा ने कहा कि संगठन को समझ लें, तो जीवन जीना आसान हो जायेगा। सभी युवा कम से कम सप्ताह में एक दिन अवश्य चारित्रआत्माओं के दर्शन करें।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि श्री जिनेशकुमारजी के द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार से हुआ। विजय गीत का संगान लिलुआ तेयुप एवं तेरापंथ किशोर मंडल के सदस्यों ने किया।श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करते राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा ने सम्मेलन के उद्घाटन की उद्घोषणा की। स्वागत भाषण लिलुआ तेयुप अध्यक्ष श्री अमित बांठिया ने व शुभकामनाएं लिलुआ तेरापंथी सभा अध्यक्ष श्री प्रमिल बाफना ने दी। अतिथि परिचय अभातेयुप कार्यकारिणी सदस्य श्री जय चौरड़िया ने दिया। पुणे से समागत साइबर एक्सपर्ट श्री संदीप प्रकाश गादिया ने साइबर क्राइम एवं सुरक्षा विषय पर युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन मुनिश्री परमानंद ने किया। अभातेयुप पदाधिकारियों का पंचरंगी पट्टे से सम्मान किया गया।
अंतिम सत्र में- प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए मुनिश्री जिनेशकुमारजी ने कहा कि युवाशक्ति वह दर्पण है जिसमें मानवता प्रतिबिम्बित होती है। युवाशक्ति वह कांति है, जो असंभव को संभव बनाने की क्षमता रखती है। युवा त्याग, शील, गुण, कर्म के द्वारों का विकास करे। संगठन के प्रति आस्था रखें और सब मिलजुल संघ की प्रभावना करे, सेवा करे। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा ने अपने विचार व्यक्त किये व उत्तर हावड़ा तेयुप- किशोर मंडल द्वारा क्वीज का संचालन किया गया। विजेताओं को तेयुप द्वारा पुरुस्कृत किया गया। साइबर एक्सपर्ट श्री संदीप गादिया आदि अतिथियों का सम्मान किया गया। आभार ज्ञापन लिलुआ तेयुप मंत्री श्री अंकुश छाजेड़ ने किया। अंतिम सत्र का संचालन तेरापंथ किशोर मण्डल संयोजक मानव बैद ने किया। युवा सम्मेलन में 220 से अधिक युवक एवं समस्त लगभग 800 श्रावक- श्राविकाओं ने उपस्थिति दर्ज करवाई।
अभातेयुप द्वारा किये जा रहे आई डोनेशन कार्य के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकजजी डागा का सम्मान आई बैंक द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ युवक परिषद के कार्यकर्ताओं का विशेष श्रम रहा। लिलुआ तेरापंथी सभा का भी सहयोग रहा।
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