मानवता के पुजारी व शांति के पैगम्बर थे आचार्य श्री तुलसी : मुनिश्री जिनेशकुमार

लिलुआ 10.02.2023 ; युगप्रधान शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेशकुमारजी ठाणा- 3 के सान्निध्य में, तेरापंथ सभा के तत्वावधान में आचार्य श्री तुलसी की मासिक पुण्य तिथि पर कार्यक्रम तेरापंथ सभा भवन में आयोजित हुआ। रात्रि में अन्त्याक्षरी का कार्यकम भी संपन्न हुआ।

 इस अवसर पर मुनिश्री जिनेशकुमार ने कहा कि संयम और तप में पराक्रम करने वाला साधक महापुरुष कहलाता है। दुनिया में अनेक महापुरुष हुए है जिन्होने अपने कर्तृत्व एवं व्यक्तित्व के द्वारा मानवता की, जिनशासन की प्रभावना की है। उनमें एक स्वर्णिम नाम है आचार्य श्री तुलसी। आचार्य श्री तुलसी युग दुष्टा, युग सुष्टा, मानवता के पुजारी व शांति के पैगम्बर थे। उन्होंने नैतिक विकास व चारित्रिक उन्नयन के लिए अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया। तनाव से ग्रस्त युवापीढी को धर्म का सही मार्ग बताया। बालपीढी के सुसंस्कार के लिए ज्ञानशाला का उपक्रम दिया। महिला जागरण, शिक्षा, संस्कार, साहित्य आदि अनेक रचनात्मक कार्यक्रम धर्मसंघ, समाज को दिए।


 मुनिश्री ने आगे कहा कि आचार्य श्री तुलसी ज्योतिर्धर पुरुष थे। वे अनुशासन प्रिय थे। उनमें शास्ता के अनुपम गुण थे। वे कुशल प्रवचन कार संगीतकार थे। उन्होंने लम्बी लम्बी यात्राएं करके मूर्च्छित मानवता को संजीवनी औषध देकर बहुत बड़ा उपकार किया। मुनिश्री कुणाल कुमार जी ने मधुर संगीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भजन मंडली द्वारा किया गया।


You can also send your news here for publication.

For More Information & Booking About Vijay Palace (अस्थाई निवास) 

Call  +91-9080972748