आचार्य तुलसी बीसवी के सिद्ध  पुरुष थे - मुनि जिनेशकुमार

आचार्य तुलसी का 109 वां जन्मदिवस अणुव्रत दिवस

कटक उड़ीसा 27.10.2022 ; आचार्य महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि जिनेशकुमार के सान्निध्य में तथा अणुव्रत समिति के तत्वावधान में निरंजन रथ व प्रभास चंद्र आचार्य की मुख्य उपस्थिति में आचार्य तुलसी का 109वां जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में तेरापंथ सभा भवन, कटक में समारोह पूर्वक व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

 धर्म परिषद् को संबोधित करते हुए मुनि जिनेशकुमार ने कहा कि आचार्य तुलसी बीसवी सदी के महापुंज थे। उन्होंने चारित्रिक उन्नयन व नैतिकता की प्रतिष्ठा के लिए अणुव्रत आन्दोलन का सूत्र पात किया। अणुव्रत एक ऐसा वट वृक्ष है, जिसकी छाया में हर कोई सुख व शांति का जीवन जी सकता है। अणुव्रत एक ऐसा अवदान है, जो मानव मात्र के लिए कल्याणकारी है। आज के विषाक्त वातावरण में अणुव्रत एक सुरक्षा कवच है। अणुव्रत मानवता, नैतिकता और अहिंसा का समन्वय है। यह असाम्प्रदायिक व नैतिक आन्दोलन है। कोई भी वर्ग का व्यक्ति अणुव्रत के नियमों को स्वीकार कर सकता है। अणुव्रत एक आचार संहिता ही नहीं, अपितु पूरा जीवन का दर्शन है। अणुव्रत की साधना से साम्प्रदायिक सौहार्द, प्रेम, संयम का विकास व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। पर्यावरण की समस्या का समाधान हो सकता है। जीवन में संयम होना जरूरी है, संयम से व्यक्ति स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है। 

 मुनिश्री ने आगे कहा आचार्य श्री तुलसी मानवता के मसीहा, शांति के पैगम्बर, विकास के श्लाका पुरुष थे। प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, ज्ञानशाला, महिला जागरण, उपासक श्रेणी, समण दीक्षा, नया मोड़, आगम संपादन आदि अनेकों ज्ञानवर्धक, रचनात्मक, समाजोत्थान के कार्य उन्होंने किये। 

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोक सेवा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उड़ीसा के चेयरमेन निरंजन रथ ने कहा आज में सुनने के लिए व आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं। आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रभास आचार्य लोक सेवा के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा  जब-जब भी धर्म का नाश होता है, महापुरुष का जन्म होता है। आचार्य तुलसी महापुरुष थे, उन्होंने अणुव्रत का प्रवर्तन किया। उन्होंने नैतिकता, संयम, पर्यावरण आदि के  बारे में बताया। संतों के दर्शन से जीवन धन्य हो जाता है।

 इस अवसर पर मुनि परमानंद ने कहा कि आचार्य तुलसी एक सच्चे इंसान थे। उन्होंने धर्म संघ को आगे बढाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। मुनि कुणालकुमार ने गीत प्रस्तुत किया।

 इस अवसर पर अणुव्रत समिति मंत्री विकास नवलखा ने स्वागत भाषण दिया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष मोहनलाल सिंघी, तेरापंथ भवन समिति अध्यक्ष हीरालाल खटेड़, तेरापंथ युवक परीषद् अध्यक्ष भैरव दुगड़, महिला मंडल अध्यक्षा हीरा बैद, समाज के वरिष्ठ श्रावक मंगलचन्द चोपड़ा आदि ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ।आभार ज्ञापन अणुव्रत समिति की ओर से सुनील कोठारी व संचालन अणुव्रत समिति अध्यक्ष मुकेश डुंगरवाल ने किया। 

अतिथियों का मोमेंटो आदि के द्वारा स्वागत किया। तेरापंथ महासभा द्वारा सन् 2018 में ज्ञानशाला कटक को विशिष्ट ज्ञानशाला के रूप में सम्मानित किया गया। इसकी प्रस्तुति ज्ञानशाला प्रशिक्षिका वर्षा मरोठी ने दी और ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने मोमेंटो समाज के अध्यक्ष मोहनलाल सिंघी को सुपुर्द किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रतीक सिंघी, कमल बैद, संतोष सिंघी आदि कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।


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