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ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री 


लन्दन 24.10.2022 ; ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे।  बीबीसी न्यूज के अनुसार उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुन लिया गया है। वो ब्रिटेन के पहले एशियाई मूल के प्रधानमंत्री होंगे। सर ग्राहम ब्रेडी ने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी है। इससे पहले पेनी मॉरडॉन्ट ने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी।

नए ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सामने कई मुश्किल चुनौतियां और सवाल होंगे। इनमें सबसे मुश्किल है ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति -

ब्रिटेन का रिजर्व अर्थकोष कम होता जा रहा है और देश की जनता इसे महसूस कर रही है, या एक कैबिनेट मंत्री के शब्दों में कहें तो "हमारे सामने वो सब समस्याएं हैं, जो पहले से थी और अब आर्थिक संकट भी है।" अल्पकाल के लिए प्रधानमंत्री रहीं लिज ट्रस के प्रशासन ने जो मुश्किल हालात पैदा किए हैं, उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी को संकट में डाल दिया है। उनके फैसले और फिर उनसे पीछे हटने की वजह से ब्रिटेन को वित्तीय बाजार के हाथों क्रूर व्यवहार सहने के लिए मजबूर कर दिया।

ऋषि सुनक का कैरियर

उन्होंने 2015 में, 35 साल की उम्र में, पहली बार संसद का चुनाव जीता। केवल सात वर्षों में वो आज प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। 

वे भारत के विख्यात उद्योगपति और इंफोसिस कंपनी के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति के दामाद हैं। उन्होंने अक्षता मूर्ति से साल 2009 शादी की थी और उनकी की दो बेटियां हैं कृष्णा और अनुष्का। 

ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का वादा किया है। 2015 से सुनक यॉर्कशर के रिचमंड से कंज़र्वेटिव सांसद चुने गए थे वो नॉर्दलर्टन शहर के बाहर कब सिग्स्टन में रहते हैं। उनके पिता एक डॉक्टर थे और माँ फ़ार्मासिस्ट थीं। भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन आए थे। अपनी वेबसाइट पर ऋषि लिखते हैं, "मेरे माता-पिता ने बहुत त्याग किया ताकि मैं अच्छे स्कूलों में जा सकूं। मैं भाग्यशाली था कि मुझे विनचेस्टर कॉलेज, ऑक्स फोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौक़ा मिला।"

जुलाई 2019 में जॉनसन ने सुनक ने वित्त मंत्रालय सौंपा था। इससे पहले वो जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक आवास, समुदाय और स्थानीय स रकार मंत्रालय में संसदीय अवर सचिव थे। ऋषि सुनक कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है. उन्होंने कहा था, "मैं पहली पीढ़ी का अप्रवासी हूँ। मेरे परिजन यहाँ आए थे, तो आपको उस पीढ़ी के लोग मिले हैं जो यहाँ पैदा हुए, उनके परिजन यहाँ पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी जिंदगी बनाने आए थे।"


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