मुनि श्री मोहजीतकुमारजी ने किया आंध्रप्रदेश सीमा में प्रवेश 

¤ अलविदा तमिलनाडु, नमस्कारम आंध्रप्रदेश

 चेन्नई : भारतीय संस्कृति की सन्त परम्परा में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के निर्देशानुसार सुशिष्य मुनिश्री मोहजीतकुमारजी, सहवर्ती मुनि भव्यकुमारजी, मुनि जयेशकुमारजी ने 22 नवंबर 2025 को प्रातः 7.51 बजे आंध्रप्रदेश की सीमा में प्रवेश किया।

 सीमा पर किलपॉक तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ महिला मण्डल, तेरापंथ किशोर मण्डल तथा अनेक कार्यकर्ताओं ने मुनिवरों का भावभीना स्वागत किया। 

 तीन संतों के स्वागत में कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश इन तीन राज्यों के श्रावकोंं की उपस्थिति सुयोगपूर्ण थी।

 मुनि मोहजीतकुमारजी ने तमिलनाडु चेन्नई क्षेत्र के किलपॉक में सफलतम चातुर्मास को सफल बनाने में कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि नया क्षेत्र, नया उत्साह और नए आयाम इस चातुर्मास की उपयोगिता तथा संघ प्रभावना के कारण बने।

मुनि ने आगे कहा कि संतों का श्रम, नई कल्पनाओं का प्रस्तुतिकरण और श्रावकों की श्रद्धा की वर्धापना का दिग्दर्शन था। अब गुरु आज्ञा से आंध्रप्रदेश सीमा में आगमन हुआ। गुरु दृष्टि की आराधना करते हुए सभी आगे बढ़ते रहें।

 इस अवसर पर आयोजित मंगलकामना एवं स्वागत समारोह में तेरापंथ सभा किलपॉक के अध्यक्ष अशोक परमार, उपाध्यक्ष धर्मीचन्द छल्लाणी, सहमंत्री अशोक आच्छा तथा महिला मण्डल की वरिष्ठ संरक्षिका माला कातरेला ने भावाभिव्यक्ति दी।

 प्रवेश पर आंध्रप्रदेश के तिरुपति, रेणीगुंटा, काटूर, कालहस्ती आदि क्षेत्रों से आए श्रद्धालु श्रावकों ने भी मुनिवरों का हार्दिक स्वागत किया।