पल्लावरम में प्रथम बार 'ज्ञानशाला दिवस' का सुन्दर आयोजन
¤ ज्ञानशाला संस्कार जागरण की प्रयोगशाला - मुनि दीपकुमार
पल्लावरम 10.08.2025 : तमिलनाडु के पल्लावरम क्षेत्र स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री दीपकुमारजी ठाणा 2 के सान्निध्य में, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा, चेन्नई के तत्वावधान में, पल्लावरम श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा ट्रस्ट की आयोजना में ज्ञानशाला दिवस का आयोजन बहुत सुंदर ढंग से किया गया। इसमें पल्लावरम, ताम्बरम, बड़पल्ली एवं पक्षीतीर्थ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थीओ और प्रशिक्षिकाओं ने भाग लिया।
मुनि श्री दीपकुमारजी ने कहा कि ज्ञानशाला संस्कार जागरण की प्रयोगशाला है। संस्कार जीवन निर्माण की मूल नींव है। संस्कारों की सुदृढ़ शीला पर ही जीवन का भव्य महल खड़ा रहता है। मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए संस्कारों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अभिभावक जन इस दृष्टि से जागरूक बने कि हमारे बच्चों में सुसंस्कारों का जागरण हो, इसीलिए ज्ञानशाला बहुत महत्वपूर्ण उपक्रम है। बच्चों को ज्ञानशाला के साथ जोड़ना बहुत जरूरी है।
मुनिश्री ने आगे कहा की ज्ञानशाला आचार्य श्री तुलसी की दूरगामी सोच से प्रारंभ हुई। वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमणजी का इसे अनुपम आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। प्रशिक्षिकाओं की सेवाएं महत्वपूर्ण है जो अपना समय और श्रम लगाती है।
मुनि श्री काव्यकुमारजी ने बच्चों को विकास करने के लिए तीन H-
Hardwork,
Happynees,
Humblenees
अपनाने की बात पर बल दिया।
कार्यक्रम में मंगलाचरण पल्लावरम ज्ञानशाला ज्ञानार्थियों ने किया। पल्लावरम ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका सीमाजी बडोला ने बच्चों के माध्यम से ज्ञानशाला प्रारूप के बारे में बताया। पक्षीतीर्थ के बच्चों ने जैन धर्म की एबीसीडी के बारे में प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने गीत का संगान किया।
बड़पल्ली ज्ञानशाला के बच्चों ने आचार्य भिक्षु के प्रसंगो पर नाटिका की प्रस्तुति दी। ताम्बरम ज्ञानशाला के बच्चों और प्रशिक्षिकाओं ने ज्ञानशाला के महत्व पर इंटरव्यू की प्रस्तुति दी।पल्लावरम ज्ञानशाला के बच्चों ने अपरिग्रह पर नाटक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन पल्लावरम की संयोजिका श्रीमती सुधाजी मरलेचा किया। कार्यक्रम से पूर्व पल्लावरम के मार्केट में ज्ञानशाला की रैली का आयोजन किया गया।
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