भाई के साथ प्रेम व सौहार्द का व्यवहार अतिउत्तम : संयमलता
¤ रंजना भण्डारी व सुनीता छाजेड़ ने किया 9 के तप का प्रत्याख्यान
¤ तप के द्वारा हुआ तपस्वियों का अभिनंदन
विजयनगर, बंगलौर : युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री संयमलताजी ठाणा 4 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, विजयनगर में चातुर्मासिक श्रावण मास में 'समीकत की यात्रा' विषय पर प्रवचन माला चल रही है।
उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी संयमलता ने कहा कि हर भव्य प्राणी के लिए सिद्धत्व हेतु समकित प्रथम सीढ़ी हैं। समकित को प्राप्त होने के बाद सुरक्षित रखना और भी जरूरी है। विशेष पाथेय प्रदान करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि इंसान दूसरों से स्नेह व मैत्री रखे, यह श्रेष्ठ व उत्तम है। पर अपने भाई के साथ प्रेम व सौहार्द का व्यवहार अवश्य करे, यह अतिउत्तम हैं।
श्रावण विशेषत: तप के मौसम का माह होता हैं। विजयनगर में भी श्रावक समाज में तप का उत्सव सा माहौल बना हुआ हैं। आज दो बहिनें श्रीमती रंजना भंडारी व श्रीमती सुनीता छाजेड़ ने साध्वीश्रीजी से 9 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।
साध्वी मार्दवश्रीजी ने कहा कि आहार शक्ति है, तो अनाहार महाशक्ति है।
- ¤ तप का अभिनंदन तप द्वारा
तपस्वी बहिनों का अभिनंदन करने के लिए बहिन शीतल चौरडिया ने पंचोला, श्री नवीन गंग ने 6 तथा श्री मंगलचंद कोचर ने 6 की तपस्या की घोषणा कर अभिनंदन किया। शुभ संकल्प और मंगल पाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
Post a Comment
Post a Comment