गोमाता को मिले राष्ट्रमाता का दर्जा : जगद्गुरु शंकराचार्य
◆ गो-ध्वज स्थापना एवं भव्य मंगल कलश यात्रा का हुआ आयोजन
चेन्नई : भारतीय संस्कृति संरक्षण समिति, चेन्नई के तत्वावधान में गोरक्षा के उद्देश्य से 'गो-प्रतिष्ठा आन्दोलन और गो-ध्वज स्थापना भारत यात्रा' का आयोजन जे के कन्वेंशन हॉल, साहूकारपेट में आयोजित किया गया।
परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती 1008 ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चेन्नई के अंदर गोमाता को सिक्योरिटी मिले, गो माता की हत्या बन्द हो, गो-माता को भारत में राष्ट्रमाता और राज्य में राज्यमाता का दर्जा मिले। उसके लिए सभी सनातन धर्म प्रेमियों को एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। गोमाता और नंदी को आस्था के साथ पूरे भारतवर्ष में एक समान रूप से पूजा जाता हैं। अतः सभी सरकारों का भी दायित्व है कि वे इस ओर ध्यान दें। इस ओर समाज वर्ग भी जागरूक बने।
इससे पूर्व शंकराचार्य के मध्य रात को चेन्नई पदार्पण पर माली समाज भवन में भव्य स्वागत, अभिनंदन किया गया। शंकराचार्यजी ने प्रातःकाल सीरवी समाज की वडेर आई माता एवं अम्बाजी धाम में अम्बा माता की पूजा, अर्चना की एवं सीरवी समाज बंधुओं को आशीर्वचन प्रदान किया।
सर्व सनातन धर्मप्रेमी बंधुओं ने साहूकारपेट के मुख्य मार्गों में भव्य शोभा यात्रा निकाली, जिसमें लगभग सौ से ज्यादा माता बहनों ने सिर पर मंगल कलश रखकर अपनी सहभागिता दर्ज की। पूरा मार्ग 'गोमाता राष्ट्रमाता, राष्ट्रमाता भारतमाता' के नारों से गुंजायमान हुआ। शोभायात्रा जे के कन्वर्सेशन हॉल में आकर सभा में परिवर्तित हुई। गो-गङ्गा कृपाकांक्षी गोपालमणी और अनेकों ऋषि महाराज ने भी कार्यक्रम में पधारकर आशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन हनुमानजी पटेल ने किया एवं सभी अनुदानदाताओं एवं समाज सेवकों का सम्मानित किया गया। उपरोक्त जानकारी गो सेवक मोतीसिंह राजपूत ने प्रदान की।
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