तप से बनती है आत्मा पवित्र : मुनि सुधाकर

◆ सुश्री पुनम संचेती ने किया मासखमण तप

शिवमोगा कनार्टक 06.08.2023 : आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि श्री सुधाकरजी के सानिध्य में सुश्री पूनम संचेती के मासखमण तप का भव्य आयोजन तेरापंथ भवन के प्रवचन प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ

मुनि सुधाकरजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा तपस्या से आत्मा निर्मल बनती है। कर्मों के बंधन टूटते हैं। तपस्या आत्म कल्याण का सशक्त मार्ग है। जिनका संकल्पबल, मनोबल महान होता है, वही तप के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं। छोटी उम्र में बड़ा तप करके पूनम संचेती ने अद्भुत आत्मबल का परिचय दिया है।

 मुनि नरेशकुमारजी ने तप के महत्व पर विचार रखें। संचेती परिवार की ओर से गौतम संचेती, मदन संचेती, राजेश संचेती एवं युवकों एवं महिलाओं ने अलग-अलग प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा अध्यक्ष चंदनमल भटेवरा ने सबका स्वागत किया। तेरापंथ महिला मंडल एवं ज्ञानशाला के बच्चों की सुंदर प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का कुशल संचालन चंद्रप्रकाश छाजेड़ ने किया। इस अवसर पर चेन्नई माधावरम ट्रस्ट के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

समाचार साभार : जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, शिवमोंगा


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