अणुव्रत समिति, चेन्नई की नवगठित टीम का हुआ शपथग्रहण
★ ललित आंचलिया बने अध्यक्ष और स्वरूप चन्द दाँती मंत्री
★ शासनश्री साध्वी शिवमाला एवं साध्वी लावण्यश्री का मिला पावन पाथेय
★ जैन संस्कार विधि से हुआ शपथग्रहण
चेन्नई 01.08.2023 ; युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी लावण्यश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट में अणुव्रत समिति की नवगठित टीम का शपथग्रहण समारोह समायोजित हुआ।
मानव में मानवता का हो विकास
अणुव्रत गीत से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। नवगठित टीम को आध्यात्मिक बधाई देते हुए पाथेय प्रदान करते हुए साध्वी लावण्यश्री ने कहा कि गणाधिपति गुरुवर तुलसी का मानव में मानवता का विकास हो, वह संयम, सादगीमय जीवन जीये। समाज में शांति का वातावरण हो, उसी के मद्देनजर अणुव्रत आन्दोलन का सुत्रपात किया। किसी भी धर्म सम्प्रदाय का व्यक्ति जो शाकाहारी, नशामुक्त है, नैतिकता में विश्वास रखता है, वह इस से जुड़ सकता है। उस आन्दोलन का यह अमृत महोत्सव, हीरक जयन्ती वर्ष (75 वॉ साल) है। अणुव्रत समिति की यह नवगठित टीम स्वयं अणुव्रत को आत्मसात करते हुए जन जन में अणुव्रत का शंखनाद करें।
नवगठित टीम
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुरेश तातेड़ ने नवगठित टीम के पदाधिकारीयों
अध्यक्ष - ललित आंचलिया
उपाध्यक्ष वरिष्ठ - अरिहंत बोथरा
उपाध्यक्ष कनिष्ठ - मुकेश मुथा
मंत्री - स्वरूप चन्द दाँती
सहमंत्री प्रथम - अशोक छल्लाणी
सहमंत्री द्वितीय - विजयराज गेलड़ा
कोषाध्यक्ष - पंकज चौपड़ा
संगठन मंत्री - कुशल बांठिया
प्रचार प्रसार मंत्री - गुणवंती खांटेड़
का अनुठे ढ़ग से परिचय दिया और सभी सदस्यों को मंच पर आमंत्रित किया।
अणुव्रत समिति पूर्वाध्यक्ष श्री सम्पतराज चोरड़िया ने सभी को शपथ दिलवाई।
जैन संस्कार विधि से हुआ शपथग्रहण
शपथ ग्रहण समारोह जैन संस्कार विधि से जैन संस्कार पदमचन्द आंचलिया ने सम्पूर्ण मंगलमंत्रोच्चार के साथ करवाया। तेयुप अध्यक्ष दिलीप गेलड़ा, मंत्री कोमल डागा ने सहयोगी की भुमिका निभाते हुए सभी को तिलक लगा, मौली बांधी।
अध्यक्ष ललित आंचलिया ने टीम को बधाई देते हुए सभी के सहयोग के लिए आह्वान किया। आभार ज्ञापन मंत्री स्वरूप चन्द दाँती ने दिया।
आडम्बर रहित हो जीवन
तत्पश्चात अणुव्रत समिति की टीम ने ट्रिप्लीकेन में विराजित शासनश्री साध्वी शिवमाला ठाणा 4 के दर्शन उपासना का लाभ लिया। साध्वीश्री ने फरमाया कि हमें नशा मुक्त जीवन के साथ आडम्बर रहित जीवन जीना चाहिए, व्यर्थ के खर्चो से बचना चाहिए, आडम्बर, दिखावा से दुर रहना चाहिए, जैन संस्कार विधि से ज्यादा आयोजन होने चाहिए, युवा पीढ़ी को इससे जोड़ना चाहिए, शादी समारोह ज्यादा से ज्यादा जैन संस्कार विधि से होने चाहिए, अध्यक्ष महोदय को इसकी शुरुआत करनी चाहिए।जिससे समय और पैसे जैसे फिजूल खर्च को रोका जा सकता है, वो ही पैसे का सदुपयोग सही जगह कर सकते हैं।
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