नव आयामों के सजृनकर्ता- आचार्य श्री तुलसी : डॉ साध्वी गवेषणाश्री   ‌      

कोयंबटूर 06.06.2023 : अभातेममं के निर्देशानुसार स्थानीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वाधान में आचार्य श्री तुलसी का 27वां महाप्रयाण दिवस विसर्जन दिवस के रूप में डॉ साध्वीश्री गवेषणाश्रीजी के सानिध्य में मनाया गया। डॉ साध्वी गवेषणाश्रीजी ने नमस्कार महामंत्र के द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की। साध्वीश्रीजी द्वारा जप का प्रयोग व अनासक्ति की अनुप्रेक्षा करवाई गई। स्थानीय तेरापंथ महिला मंडल ने तुलसी अष्टकम का संगान किया। 

डॉ साध्वी गवेषणाश्रीजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि तुलसी का युग स्वर्णिम युग था। वो एक संघर्ष की कहानी थी। अनासक्ति की चेतना का जीवंत उदाहरण है आचार्य तुलसी। उन्होंने अपने आचार्य पद का विसर्जन किया। वे तेरापंथ के विकास पुरुष थे। साध्वीश्रीजी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में स्थानीय भाई बहनों को विसर्जन की प्रेरणा दी। 

साध्वी श्री मयंकप्रभाजी ने भी अपनी ओजस्वी वक्तव्य में कहा कि आप युगदृष्टा, भविष्यदृष्टा, आत्मदृष्टा पुरुष थे। साध्वी श्री दक्षप्रभाजी सुमधुर गीतिका के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी। कन्यादान क्यों, इस विषय पर कन्या मंडल की सहप्रभारी श्रीमती वदना पारेख व श्रीमती मुक्ता नखत ने अपने विचार रखे। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा मंजू गिडिया, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष  श्रीमान उत्तमचंद पुगलिया, ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमान नगराज नाहटा, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष मनोज बाफना, उपासिका सुशीलाजी बाफना व मुमुक्षु अंजली सिंघवी ने आचार्य श्री तुलसी के जीवन पर अपने-अपने सारगर्भित विचार व गीतिका के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी। परिग्रह विसर्जन फार्म भी भरवाये गये। साध्वी श्री मेरुप्रभाजी द्वारा कुशल संयोजन किया गया। आभार ज्ञापन मंत्री श्रीमती आरती रांका ने दिया। इस अवसर पर लगभग 150 भाई बहनों की उपस्थिति रही।


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