भारतीय ऋषि परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र थे आचार्य महाप्रज्ञ - मुनिश्री जिनेशकुमार
★ महामनस्वी, आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के 14 वें महाप्रयाण दिवस पर भावांजलि अर्पण समारोह का आयोजन
पूर्वांचल (कोलकाता) 16.04.2023 : युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेशकुमारजी ठाणा-3 के सान्निध्य में युगप्रधान, राष्ट्रसंत आचार्य श्री महाप्रज्ञजी 14 वें महाप्रयाण दिवस पर भावांजलि अर्पण समारोह का आयोजन द डिविनीटि पेवेलियन में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कलकत्ता-पूर्वांचल) ट्रस्ट द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेशकुमारजी ने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र थे आचार्य श्री महाप्रज्ञ। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे जैन न्याय के राधाकृष्णन थे। उनकी प्रज्ञा को देखकर भद्रबाह एवं हरिभद्र जीवंत हो उठते थे। उनकी बुद्धि स्थिर, चित्त निर्मल एवं पवित्र था। उनमें बुद्ध जैसी करुणा, ईसा जैसा प्रेम व महावीर जैसा ध्यान था। उन्होंने आगे कहा कि आचार्य श्री कालूगणी के अनेक जन्मों की फलश्रुति है- आचार्य श्री महाप्रज्ञजी। वे आचार्य तुलसी के विचारों के भाष्यकार थे। वे आगम की भाषा मे महाप्रज्ञ थे, तो गीता की भाषा में स्थितप्रज्ञ थे। उनका जन्म खुले आकाश में हुआ, इसलिए उनका चिंतन व्यापक और विशाल था। उन्होंने प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, आगम संपादन, साहित्य, अहिंसा यात्रा आदि अवदान देकर पूरी मानव जाति को उपकृत किया। वे जैन योग पुनरुद्धारक, जैन न्याय के राधाकृष्णन और जैन ध्यान योग के कोलम्बस थे।
मुनि परमानंदजी ने कहा- आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के अवदान साहित्य एवं प्रेक्षाध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाने से ही सही मायने में उस महान व्यक्तित्व को भावांजलि अर्पित की जा सकती है। मुनिश्री कुणालकुमारजी ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया।
तेरापंथी महासभा के मुख्यन्यासी सुरेशजी गोयल, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कोलकाता पूर्वाचल) ट्रस्ट के अध्यक्ष हनुमानमलजी दुगड़, अभातेममं कार्यसमिति सदस्या रमण पटावरी, श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा कलकत्ता के अध्यक्ष अजयजी भंसाली, तेरापंथ युवक परिषद् पूर्वांचल के अध्यक्ष राजीव खटेड, तेरापंथ महिला मंडल पूर्वाचल की अध्यक्षा श्वेताजी डाकलिया, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम पूर्वांचल के अध्यक्ष प्रवीण सुराणा, जैन कार्यवाहिनी के संयोजक पुष्पराज सुराणा, उपासक इन्द्राजमल नाहटा, उपासिक लक्ष्मी बरमेचा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए भावांजलि अर्पित की। तेरापंथ महिला मंडल पूर्वाचल व सुरेन्द्र बोथरा ने सुमधुर गीत का संगान किया। आभार ज्ञापन तेरापंथी सभा के मंत्री बालचंदजी दुगड व संचालन मुनि श्री परमानन्दजी ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सामूहिक रूप से 'ऊँ श्री महाप्रज्ञ गुरुवे नमः' का जप एवं प्रेक्षाध्यान का प्रयोग करवाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यकताओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
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