श्रुत धर्म और चारित्र धर्म की आराधना करें : मुनि रमेशकुमार


टिटिलागढ में पुनरागमन पर भव्य स्वागत

रविवार को मनाया जायेगा ओडिसा स्तरीय मंगल भावना समारोह

टिटिलागढ ओडिसा 17.02.2023 ; युगप्रधान महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी सहवर्ती मुनि रत्न कुमार जी ने गत चातुर्मास के पश्चात पश्चिम-दक्षिण ओडिशा की लगभग 700 किलोमीटर की पदयात्रा सान्नद संपन्न करके आज पिछले चातुर्मासिक क्षेत्र में प्रवेश किया। संगीत जैन के निवास स्थान से जुलुस के साथ मुनि द्वय को वर्धापित करते हुए तेरापंथ भवन में प्रवेश किया। तेरापंथ सभा द्वारा स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

  मुनि रमेशकुमारजी ने इस अवसर पर कहा- धर्म के दो प्रकार है। श्रुत धर्म और चारित्र धर्म। श्रुत का तात्पर्य है ज्ञान और चारित्र का तात्पर्य आचरण ।इन दोनों धर्मों की जो आत्मा साधना करता है आराधना करता है । उसकी आत्मा का कल्याण हो जाता है। हम सौभाग्यशाली है इस युग में विद्या विशारद आचार्य श्री महाश्रमण जी हम सब को श्रुत ज्ञान की चारित्र की साधना के सूत्र बताते हैं। उन्हें जीवन में धारण करने से कल्याण निश्चित होता है। आपने गत चातुर्मास की स्मृतियाँ करते हुए कहा- टिटिलागढ तेरापंथ धर्म संघ का श्रद्धा ,भक्ति - भावना वाला साताकारी क्षेत्र है। यहां के श्रद्धालुओं ने बहुत सेवा की है। भविष्य में भी करते रहेंगे।


 मुनि रत्नकुमारजी ने कहा- चातुर्मास से पूर्व यहाँ आयें चातुर्मास करने के लिए आये और अभी चातुर्मास सम्पन्नता के पश्चात पुन: आये है। सभी जागरुक रहते हुए सेवा करते रहेंगे। इससे पूर्व श्रीमती स्नेहा जैन और सुभद्रा जैन ने मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभा की ओर से पदमसेन जैन ने स्वागत किया। तेरापंथ महिला मंडल की ओर से श्रीमती खुशबू जैन स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष रूपचन्द जैन ने किया। 19 फरवरी रविवार को मुनिवृंद का मंगलभावना समारोह मनाया जायेगा।

You can also send your news here for publication.

NEWSSHUBH22@GMAIL.COM



For More Information & Booking About Vijay Palace (अस्थाई निवास) 

Call  +91-9080972748

https://wa.me/+916382435647