स्वस्थ समाज संरचना, अणुव्रत का उद्देश्य - मुनिश्री जिनेशकुमार
★ अणुव्रत अमृत महोत्सव का हुआ शुभारंभ
बालीबेलर (कोलकाता) 21.02.2023 - युगप्रधान शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेशकुमारजी ठाणा-3 के सान्निध्य में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान व कोलकाता अणुव्रत समिति एवं हावडा समिति के सहयोग से अणुव्रत अमृत महोत्सव का शुभारंभ फोरम प्रवेश में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक डा. राणा चटर्जी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मुनिश्री जिनेशकुमार ने कहा कि जैन धर्म के प्रभावक आचार्यों में आचार्य श्री तुलसी का नाम बड़े गौरव के साथ लिया जाता है। आचार्य श्री तुलसी ने नैतिक विकास व चारित्रिक उन्नयन के लिए अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया। अणुव्रत का अर्थ है- छोटे छोटे नियम। जीवन शुद्धि की न्यूनतम आचार संहिता का नाम अणुव्रत है। 'इन्सान पहले इन्सान, फिर हिन्दू या मुसलमान' यह अणुव्रत का हार्द है। अणुव्रत का घोष है "संयम खलु जीवनम्, संयम ही जीवन है।" अणुव्रत का उद्देश्य है- स्वस्थ समाज की संरचना। अणुव्रत क्रिया कांडों पर नहीं, आचरण शुद्धि पर बल देता है। अणुव्रत एक नैतिक अभियान है, आज के विषाक्त वातावरण में अणुव्रत एक संजीवनी औषध है। अणुव्रत मानवीय एकता का सूत्र है। अणुव्रत "पर्यावरण शुद्धि नशामुक्ति, साम्प्रदायिक सौहार्द, अहिंसा व्यवसाय शुद्धि आदि पर विशेष बल देता है। अणुव्रत की साधना कोई भी वर्ग, जाति, लिंग, वर्ण सम्प्रदाय वाला कर सकता है। अणुव्रत जैन नहीं, बल्कि गुड मेन बनने की प्रेरणा देता है, इंसान बनने की प्रेरणा देता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि देश को अणुबम की नहीं, अणुव्रत की आवश्यकता है। अणुबम से करोड़ों का संहार होता है, जब कि अणुव्रत से करोड़ो का उद्धार होता है। वैश्विक समस्या का हल अणुव्रत में सन्निहित है।
मुनिश्री कुणालकुमार ने मधुर गीत का संगान किया। स्थानीय विधायक श्री डा. राणा चटर्जी ने कहा- जैन धर्म में पांच नियम है- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह। जैन धर्म इस पर काम कर रहा है। आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया। अगर सभी लोग अणुव्रत के नियमों को मान कर के चले तो दुनिया और अधिक खूबसूरत होगी।
कार्यक्रम का शुभारंभ फोरम प्रवेश के श्रावक श्राविकाओं के मंगल संगान से हुआ। स्वागत भाषण कोलकाता अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिंघी व आभार हावड़ा अणुव्रत समिति के कोषाध्यक्ष व कार्यक्रम के संयोजक दीपक नखत ने किया। अणुव्रत आचार संहिता का वाचन मुनिश्री जिनेशकुमारजी ने किया। अतिथि व अन्य लोगों का अणुव्रत समिति द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनिश्री परमानंद ने किया।
समाज के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कोलकाता हावड़ा एवं उपनगर की सभी सभाओं, महिला मंडल, टीपीएफ, तेयूप, जैन कार्यवाहिनी के पदाधिकारी गण की गरिमामयी उपस्थिति रही। रैली के बाद में ध्वजारोहण का महनीय कार्यक्रम हुआ और अंत में प्रेस वार्ता के द्वारा अणुव्रत के बारे में चर्चा हुई। उक्त अवसर पर अणुविभा से राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री पंकज दुधोडिया, मीडिया टीम सदस्य श्री वीरेन्द्र बोहरा भी मौजूद थे।
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