कलयुग में कल्पवृक्ष है भगवान पार्श्वनाथ : मुनि सुधाकर
चेन्नई 18.12.2022 ; आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकरजी एवं मुनि श्री नरेशकुमारजी गुरुदेव के आज्ञानुसार माधावरम्, चेन्नई का चातुर्मास सम्पन्न कर चिकमंगलूर के लिए विहाररत हैं। आज आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में कानीपाक्कम प्रसिद्ध गणेश मंदिर के समीप प्रवास हुआ।
भगवान प्रभु पार्श्वनाथ की 2700वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में मुनि श्री ने भगवान पार्श्वनाथ के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान पार्श्व कलयुग में कल्पवृक्ष के समान है। आपको आगमों में पुरुषादायनी के नाम से भी सम्बोधित किया गया है। आपका भावस्मरण व्यक्ति की आधि-व्याधि-उपाधि को मिटा समाधि में समाधिस्थ कर सकता है। मुनिश्री ने भगवान पार्श्वनाथ के दिव्य मंत्रों का अनुष्ठान कराया। मुनि श्री नरेशकुमारजी ने पार्श्व स्तुति में संगान किया। सुभाषजी चित्तौड़ वालों ने भी अपनी आस्था अर्पित की।
इस अवसर पर चेन्नई माधावरम ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री घीसूलाल बोहरा, चित्तूर जैन संघ के श्री सुभाष तातेड, वेल्लूर, वानियमबाड़ी, होसकोटे, चित्तूर, मूलबागल एवं चेन्नई से कई सदस्यों सहित अच्छी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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