भगवान् पार्श्वनाथ थे अध्यात्म परम्परा के संवाहक - साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा


भगवान पार्श्व के प्रशस्त मार्ग पर चलकर जीवन साधना पथ को गतिमान बनाने की दी प्रेरणा

तीर्थंकर भगवान् पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक मनाया

 चेन्नई 18.12.2022 ; कोलकाता एवं विजयवाड़ा हाईवे स्थित 24 तीर्थंकर जैनमंदिर तीर्थधाम में साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में भगवान पार्श्वनाथ की वार्षिक जन्म जयन्ति का आयोजन हुआ। 

 अपने आस्थाभाव को उच्चारित करते हुए साध्वी श्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने कहा कि भगवान पार्श्वनाथ चातुर्यामधर्म में अन्तिम तीर्थंकर कहलाए। आगमों में भगवान पार्श्वनाथ के लिए पुरुषादानीय सम्बोधन का उल्लेख मिलता है। अनेक व्यक्तियों ने भगवान पार्श्व परम्परा को स्वीकार किया। इतिहास बताता है गोरखनाथ परम्परा का प्रारंभ भी पार्श्वपरम्परा से हुआ। भगवान पार्श्वनाथ के मंदिरों का अधिकाधिक निर्माण भी इस बात को दरसा रहा है। भगवान पार्श्व के अधिष्ठायक जागरुक रहे हैं।

 साध्वीश्री ने आगे कहां कि भगवान पार्श्व अध्यात्म परम्परा के संवाहक रहे हैं। जैनधर्म का मुख्यकेन्द्र आत्मा है। जैन कर्मवाद की भाषा में कहा जा सकता है- कर्मों के उदय से विघ्नों का समागम होता है और आराध्य स्तुति, तीर्थंकर स्तुति से उन कष्टों का निवारण किया जा सकता है। समाधान पाया जा सकता है। आज के दिन सभी यह पवित्र संकल्प करे जीवन में - लाभ-अलाभ, सुख, दु:ख, निन्दा-प्रशंसा में समताभाव रखें। सारी स्थितियों में हमारा मनोबल बना रहे। शारीरिक स्वस्थता धर्माराधना में बहुत बड़ा निमित्त है। मन की स्वस्थता के लिए जपाराधना विशिष्ट आलम्बन है।

भगवान पार्श्व के प्रशस्त मार्ग पर चलकर जीवन साधना पथ को बनाये गतिमान 

 साध्वीश्रीजी ने आज के विशिष्ट दिन से 27 दिवसीय जपाराधना करने की प्रेरणा दी एव बीज मंत्रों के साथ जप-अनुष्ठान करवाया। साध्वीश्रीजी ने कहा- आज तीर्थधाम के इस विशाल प्रांगण में हम सभी तीर्थकर भगवान पार्श्व की अर्हता एवं साधना को प्रणाम करते हैं। हमें उस आदर्श पुरुष के प्रशस्त मार्ग पर चलकर जीवन को साधना के पथ पर गतिमान रखना है।

  इस अवसर में तेरापंथ सभा, तेरापंथ महिला मण्डल चैन्नई की विशेष उपस्थिति रही। साध्वी सुदर्शनप्रभा साध्वी सिद्धियशा, साध्वी डॉ राजुलप्रभा, साध्वी डॉ चैतन्यप्रभा ने "सर्व विघ्न निवारक पार्श्वनाथाय नमो नमः" श्रद्धा गीत का संगान किया। तेरापंथ सभा, चेन्नई द्वारा समायोजित इस कार्यक्रम में तेरापंथ सभा के पूर्व अध्यक्ष प्यारेलालजी पितलिया, माघावरम् जैन तेरापंथ पब्लिक स्कूल के चेयरमैन तनसुखलालजी नाहर, साहूकारपेट तेरापंथ बोर्ड अध्यक्ष विमलजी चिप्पड़, तेरापंथ सभा के पूर्व अध्यक्ष नथमलजी आच्छा ने श्रद्धासिक्त विचार व्यक्त किए। अशोकजी लुणावत एवं मंजू दक ने पार्श्व स्तुति की। पारसजी गांधी ने विचार प्रस्तुत किए। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष उगमराज जी सांड, माधावरम् ट्रस्ट स्कूल के मंत्री सुरेशजी नाहर, तेरापंथ सभा के संगठन मंत्री अलंकारजी आच्छा, मनोहरजी हिरण, महावीरजी डूंगरवाल, तण्डियारपेट तेरापंथ ट्रस्ट मंत्री इन्द्रचन्दजी डूंगरवाल, उपासिका कल्याणीदेवी डूंगरवाल, आशा माण्डोत, सुमन बोहरा, मंजू लुंकड़ एवं श्रीमती मंजू दक उपस्थित रहे। तेरापंथ सभा के सहमंत्री मनोजजी गादिया ने आभार जताया।

   चैन्नई श्रावक परिवार ने साध्वीश्रीजी के प्रवचन, सेवा का लाभ उठाया। आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया। आगामी यात्रा की मंगलकामना की। तेरापंथ सभा के तत्वावधान में सभी संस्थाएं साध्वीश्रीजी की विहार यात्रा सेवा में जागरूकता से सेवा प्रदान कर रही है।



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