आध्यात्मिक त्रिवेणी संगम


★ अहमदाबाद में तीन ठाणों का हुआ मिलन

◆ आपस में दर्शन कर प्रमुदित हुए मुनिश्री मोहजीतकुमारजी, मुनिश्री कुलदीपकुमारजी, मुनिश्री पुलकितकुमारजी आदि मुनिवृंद

 शाहीबाग, अहमदाबाद 15.12.2022 ; तेरापंथ सभा भवन, शाहीबाग, अहमदाबाद आज गुरुवार को त्रिवेणी संगम से आध्यात्मिक की रश्मियों से जगमगा गया। 


 युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री मोहजीतकुमारजी ठाणा 3 बालोतरा का चातुर्मास परिसम्पन कर एवं मुनिश्री पुलकितकुमारजी ठाणा 2 भुज चातुर्मास सम्पन्न कर विहार करते-करते गुरुवार को जैसे ही तेरापंथ भवन में प्रवासीत मुनिश्री के कुलदीपकुमारजी के दर्शन किये, सभी ने आपस में वन्दना कर, सुखसाता पुछी और स्नेहाशीष, आत्मिय, भावभीना दृश्य देखकर पुरा भवन ऊँ अर्हम् और जय जय ज्योतिचरण, जय जय महाश्रमण के नारों से गुंजायमान हो गया। सभी श्रद्धालु जन भी अपने आप को भैक्षव शासन की ह्रदयोंगार अनुशासना देख अपने आप के सौभाग्य की सराहना करने लगे।

आध्यात्मिक मिलन समारोह पर मुनिश्री मोहजीतकुमारजी ने अतीत की स्मृतियों को प्रस्तुत करने के साथ वर्तमान क्षण की प्रशंसा को व्यक्त करते हुए अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा श्रद्धा, भक्ति, समर्पण, आत्मियता से जुड़ा यह आध्यात्मिक मिलन अतुलनीय प्रशंसा का क्षण है ओर गौरव की अनुभूति होती हैं। इस अवसर पर मुनिश्री ने गीतिका के माध्यम से मिलन की महिमा बताई एव उपस्थित जनमेदनी को विनय और वात्सल्य के इस मिलन समारोह से प्रेरणा लेने ओर संघ प्रभावना में योगभुत बनने के साथ गुणानुवादी व गुणग्राही बनने की प्रेरणा दी।

 मुनिश्री कुलदीपकुमारजी ने समागत संतों का स्वागत करते हुए अतीत की स्मृतियों को याद करते हुए कहा हम चाहे दुर रहे या नजदीक, लेकिन भीतर से जुड़े हुए हैं, परस्पर आत्मीय भाव बना हुआ है। मुनिश्री ने सभी के प्रति शुभाशंसा-शुभकामनाएं प्रदान की।


 मुनिश्री डॉ. पुलकितकुमारजी ने ने श्रद्धा प्रणति पुरक मुनिश्री सुखलालजी स्वामी को याद करते हुए अपने जीवन के क्षणों को याद किया एवं भुज-कच्छ के सफलतम चातुर्मास के कुछ प्रसंगों को उदघाटित किया। अहमदाबाद के संदर्भ मे कहा कि धर्मसंघ की आस्था को पुष्ट करने के लिए अहमदाबाद श्रावक समाज हमेशा जागृत रहा है, इसी तरह जागरूक रहकर आध्यात्मिक लाभ लेते रहना है।

मुनिश्री मुकुलकुमारजी ने प्रासंगिक उदबोधन देने के साथ अपने संस्मरणों को प्रस्तुत करते हुए बताया इस आध्यात्मिक मिलन से अत्यंत आनंद व प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

मुनिश्री भव्यकुमारजी ने अपने संस्मरणों को बताने के साथ आगे कहा तेरापंथ धर्मसंघ के संत एक प्रकार से मीले हुए ही है, एक अनुशासन के साथ सम्मिलित है। पर बहुत समय के बाद मिलना होता है, तो आनंद की अनुभूति होती हैं।

  नचिकेता मुनिश्री आदित्यकुमारजी ने कहा आज का प्रसंग आनंद की अनुभूति का हैं, अभीव्यक्ति का नहीं। मिलन के इस अवसर पर गीत के माध्यम से अभिव्यक्ति दी।

मुनिश्री जयेशकुमारजी ने पुरानी यादों को ताजा किया और कहा इस अवसर पर अहमदाबाद वासियों को भौतिकता के साथ आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने का सुअवसर मिला है। 




 आध्यात्मिक त्रिवेणी संगम मिलन स्वागत समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ तेरापंथ महिला मण्डल की बहिनों ने भिक्षु अष्टकम के मंगलाचरण से हुआ। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा अध्यक्ष कान्तिलालजी चोरडिय़ा, तेममं अध्यक्षा चांददेवी छाजेड़, तेयुप अध्यक्ष अरविंदजी संकलेचा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष सुरेशजी बागरेचा, आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति महामंत्री अरुणजी बैद, राजमलजी महेर आदि ने आध्यात्मिक मिलन पर प्रासंगिक विचार व्यक्त करने के साथ चारित्रात्माओं का स्वागत किया।

इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, श्रावक समाज एवं अहमदाबाद के अनेक क्षेत्रों के लोग, गणमान्यजन की सराहनीय उपस्थिति दर्ज रही। कार्यक्रम का संयोजन सभा सहमंत्री जितेंद्रजी छाजेड़ ने तथा तेममं अध्यक्षा चांददेवी छाजेड़ ने आभार ज्ञापन किया।

 समाचार साभार : कांतिलाल चोरडिया


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