सात्विक जीवन जीने की इच्छा है- दीक्षा : साध्वी श्री संयमलता
¤ दीक्षार्थी प्रीत कोठारी का अभिनंदन समारोह आयोजित
¤ तपस्वियों का भी किया गया सम्मान
विजयनगर, बैंगलोर : श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा विजयनगर के तत्वावधान गुरुवार को दीक्षार्थी प्रीत कोठारी का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।
¤ सत्यम, शिवम, सुंदरम को प्राप्त करने का सुंदर सोपान है- दीक्षा
नमस्कार महामंत्र समुच्चारण से प्रारंभ कार्यक्रम में साध्वी श्री संयमलताजी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज के भौतिकवादी युग में जब चारों ओर मीडिया, इंटरनेट का बोलबाला है, ऐसे में व्यक्ति दुनिया में क्या हो रहा है? कैसे हो रहा है? यह सब जानता है। किंतु स्वयं की पहचान नहीं जानता कि वास्तव में मैं कौन हूं, क्या हूं? ऐसे में स्वयं को जानने का प्रशस्त पथ है- दीक्षा। दीक्षा- भिक्षा मांग लेना या उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करना ही नहीं, अपितु दीक्षा है सात्विक जीवन जीने की इच्छा। दीक्षा है सत्यम, शिवम, सुंदरम को प्राप्त करने का सुंदर सोपान। साध्वीश्रीजी ने मुमुक्षु प्रीत के प्रति आध्यात्मिक मंगल कामना करते हुए कहां कि दीक्षार्थी प्रीत गुरु इंगित की आराधना करते हुए संघ की खूब सेवा कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।
साध्वी श्री मनीषप्रभाजी ने कहा कि अध्यात्म का राजमार्ग है दीक्षा। शाश्वत सुखों को प्राप्त करने का स्रोत है दीक्षा। माता-पिता के संस्कार ही आज दीक्षार्थी को अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देते हैं। अभिभावक बच्चों को कार के साथ संस्कार भी अवश्य दे।
साध्वी श्री रौनकप्रभाजी ने कहा कि आज हर व्यक्ति किसी न किसी चिंता में रहता है। सुख की खोज में भागता फिरता रहता है। ऐसे में बाहरी चकाचौंध से बाहर निकाल कर अपने अंतर मन में झांकते हुए कर्मों को तोड़ने का लक्ष्य बनाया है मुमुक्षु प्रीत ने। गुरु इंगित आकार को समझते हुए अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़े।
साध्वी श्री मार्दवश्रीजी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कहा कि लोहे से स्वर्ण बनने की कसौटी है दीक्षा। स्वयं की आत्मा को चमकाने में लीन मुमुक्षु प्रीत, वैराग्य भाव को आगे बढ़ाने एवं संघ की सेवा में आपकी प्रतिभा कौशल एवं विनम्रता से योगभूत बने।
मंगलाचरण भिक्षु स्तुति से हुआ। दीक्षार्थी प्रीत ने अपनी भावनाएँ व्यक्त की। तेरापंथ सभाध्यक्ष मंगलजी कोचर ने दीक्षार्थी प्रीत कोठारी का परिचय दिया। महिला मंडल द्वारा लघु नाटिका की प्रेरणास्पद प्रस्तुति दी गई।
¤ दीक्षार्थी एवं तपस्वियों का अभिनंदन
साध्वीश्री ने तपस्वी श्रीमती टीनाजी मांडोत एवं श्री नवीनजी गंग की तप अनुमोदना स्वरचित गीत से की।
राजाजीनगर सभाध्यक्ष अशोकजी कोठारी, अर्हम मित्र मंडल मंत्री विनोदजी पारख, प्रबुद्ध विचारक दिनेशजी पोकरण, विमलजी सामसुखा, राकेशजी दुधोड़िया, महिला मंडल अध्यक्षा महिमा पटावरी इत्यादी ने दीक्षार्थी के प्रति अपनी मंगल भावनाएं व्यक्त की।तेयुप अध्यक्ष विकासजी बांठिया ने दीक्षार्थी के प्रति मंगल भावनाएं प्रेषित करते हुए आगामी कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। सभा द्वारा दीक्षार्थी प्रीत कोठारी एवं तपस्वी भाई बहनों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सभा के मंत्री दिनेशजी हिंगड़, उपाध्यक्ष बाबूलालजी बोथरा, संगठन मंत्री मनोहरजी बोहरा एवं सभी सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।
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