जीतो बैंगलोर नॉर्थ द्वारा "स्पष्टता के साथ ट्रस्ट" कार्यक्रम में ट्रस्ट टैक्सेशन पर विशेषज्ञों ने डाली रोशनी
बेंगलुरु, 27 जुलाई 2025 – ट्रस्ट टैक्सेशन जैसे महत्वपूर्ण व जटिल विषय पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से “स्पष्टता के साथ ट्रस्ट – ट्रस्ट के लिए आयकर, वस्तु एवं सेवा कर सरल भाषा में” विषयक एक इंटरएक्टिव ज्ञानवर्धक सत्र का आयोजन जीतो बैंगलोर नॉर्थ चैप्टर एवं जीतो प्रोफेशनल फोरम (JPF) के संयुक्त तत्वावधान में एफ.के.सी.सी.आई. भवन, के.जी. रोड, बेंगलुरु में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ नवकार महामंत्र के पावन उच्चारण एवं दीप प्रज्वलन के साथ जीतो के पदाधिकारियों, गणमान्य अतिथियों एवं सदस्यों की उपस्थिति में हुआ। जीतो बैंगलोर नॉर्थ के अध्यक्ष विमल कटारिया ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इस प्रकार के विषयों पर समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। चेप्टर के महामंत्री विजय सिंघवी ने कार्यक्रम की संकल्पना, उद्देश्यों एवं रूपरेखा से सबको अवगत कराया।
कार्यक्रम के संयोजक संजय पितलिया एवं गणपत कवाड ने प्रमुख वक्ताओं – प्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ सीए एच. पदमचंद खिनचा एवं सीए नरेंद्र जैन का परिचय कराया।
सीए खिनचा ने ट्रस्ट की आय पर लागू प्रत्यक्ष कर प्रावधानों की बारीकियों को विस्तारपूर्वक समझाते हुए बताया कि ट्रस्ट को कर छूट तभी प्राप्त होती है जब वे पारदर्शिता, नियमित लेखा परीक्षण, और समय पर आयकर रिटर्न दाखिल करने जैसे अनुपालनों का पालन करें। उन्होंने प्रतिभागियों को आगाह किया कि अनियमितता की स्थिति में ट्रस्ट की आय कर योग्य घोषित हो सकती है।
सीए नरेंद्र जैन ने 12A पंजीकरण और 80G अनुमोदन की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट यदि कर छूट का लाभ लेना चाहते हैं, तो उन्हें लेखा परीक्षा, समय पर रिटर्न फाइलिंग, और लाभार्थियों को नि:स्वार्थ सेवा जैसी शर्तों का पालन करना आवश्यक है। उनकी प्रस्तुति ने प्रतिभागियों को ट्रस्ट प्रबंधन के कर पक्ष को गहराई से समझने में मदद की।
इसके बाद कार्यक्रम के अगले सत्र में मिलन मरोठी एवं सतीश पोरवाड़ ने अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी) विशेषज्ञ सीए ऋषभ सिंघवी एवं सीए हनीश एस का परिचय कराया।
सीए ऋषभ सिंघवी ने धार्मिक, सेवा एवं परंपरागत ट्रस्टों की जीएसटी स्थितियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यदि ट्रस्ट केवल नि:शुल्क सेवा में संलग्न हैं तो उन पर सामान्यतः जीएसटी लागू नहीं होता। परंतु, रेंटल इनकम, आयोजन शुल्क या अन्य वाणिज्यिक गतिविधियां होने पर वे जीएसटी के दायरे में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि “धार्मिक होना” ही पर्याप्त नहीं, सेवा का स्वरूप और आय का माध्यम भी महत्वपूर्ण होता है।
सीए हनीश एस ने एनजीओ, हॉस्पिटल, एजुकेशन ट्रस्ट, CSR ट्रस्ट्स जैसे संस्थानों पर जीएसटी की प्रावधानों की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि यदि संस्थाएं सेवा के बदले शुल्क, कंसल्टिंग फीस आदि प्राप्त कर रही हैं, तो वे सप्लाई की श्रेणी में आती हैं और जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि सेवा से जुड़ा हुआ दान भी कर के दायरे में आ सकता है, अतः ट्रस्टों को सतर्क रहते हुए समय पर पंजीकरण, इनवॉइसिंग और रिटर्न फाइलिंग जैसी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए।
इस अवसर पर श्रीपाल बच्छावत (सचिव – जीतो एपेक्स), इंदरचंद बोहरा (संस्थापक – जीतो बेंगलुरु नॉर्थ), रमेश बोहरा (वाईस चेयरमैन – जेएटीएफ, जीतो एपेक्स), विनोद पोखरणा (चेयरमैन – जीतो एपेक्स जॉब्स), रणजीत सोलंकी (चेयरमैन – जीतो बेंगलुरु साउथ), नितिन लुनिया (मुख्य सचिव – जीतो बेंगलुरु साउथ), दिनेश बाफना (वाईस चेयरमैन – जीतो बेंगलुरु नॉर्थ), राजेश मेहता (पूर्व कोषाध्यक्ष – जीतो बेंगलुरु), प्रीतेश जैन (सह-संयोजक), अरविंद टपरावत, दिनेश लोढ़ा, प्रमीत बाफना, नितेश गांधी, सतीश पोरवड़, सुरेश गन्ना (सभी प्रबंध समिति सदस्य – जीतो बेंगलुरु नॉर्थ), गौतम सोलंकी (अध्यक्ष – श्री आदिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर) तथा अशोक सेठी (अध्यक्ष – दिगंबर समाज) जैसे कई विशिष्ट अतिथि एवं गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे। उनकी गरिमामयी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों की भारी उपस्थिति देखी गई, और एफ.के.सी.सी.आई. का ऑडिटोरियम खचाखच भर चुका था। समाजसेवियों, ट्रस्ट प्रबंधन से जुड़े प्रतिनिधियों, प्रोफेशनल्स एवं अकाउंटिंग व विधि विशेषज्ञों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर विषय में गहरी रुचि दिखाई। प्रश्नोत्तर सत्र में सदस्यों ने पेपर पर लिखकर प्रत्यक्ष कर एवं जीएसटी से जुड़े जटिल प्रश्न पूछे, जिनका संतोषजनक उत्तर विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक दृष्टिकोण और कानूनी स्पष्टता के साथ दिया गया।
कार्यक्रम की विशेषता इसकी संवादात्मक शैली रही, जहाँ केवल वक्तव्य नहीं बल्कि ट्रस्ट प्रतिनिधियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। इस प्रक्रिया ने कर ज्ञान को केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक रूप में समाज तक पहुंचाया।
कार्यक्रम के अंत में जीतो बैंगलोर नॉर्थ चैप्टर के पदाधिकारियों द्वारा चारों वक्ताओं – सीए एच. पदमचंद खिनचा, सीए नरेंद्र जैन, सीए ऋषभ सिंघवी और सीए हनीश एस को समाज में उनके बहुमूल्य योगदान और ट्रस्ट टैक्सेशन जैसे विषय को सरल बनाने हेतु सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर नरेंद्र आच्छा ने भावपूर्ण शब्दों में सभी वक्ताओं, अतिथियों, जीतो की टीम एवं उपस्थित सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने वाले चेयरमैन विमल कटारिया, मुख्य सचिव विजय सिंघवी, सचिव प्रीतेश जैन एवं संयोजक संजय पितलिया को विशेष धन्यवाद दिया। साथ ही, उन्होंने समाज में कर जागरूकता को निरंतर बढ़ाने का आग्रह करते हुए सभी को शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, और यह सत्र ट्रस्ट प्रबंधन एवं समाज सेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक बल्कि दिशादर्शी भी सिद्ध हुआ।
साभार- रवि सांभरा
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