मंत्र दीक्षोत्सव का भव्य समायोजन



  किलपॉक, चेन्नई : अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद् चेन्नई द्वारा किलपॉक में 'मंत्र दीक्षोत्सव' का समायोजन मुनि मोहजीतकुमारजी के सान्निध्य में किया गया। जिसमें चेन्नई की अनेक ज्ञानशालाओं के ज्ञानार्थियों ने भाग लिया।


 ज्ञानार्थियों को ज्ञानशाला के महत्व को समझाते हुए मुनि मोहजीतकुमारजी ने कहा कि ज्ञानशाला का अभिनव उपक्रम आचार्य तुलसी ने अपनी दूरदृष्टि से किया। जो आज तक प्रवर्धमान है। ज्ञानशाला के माध्यम से भावी पीढ़ी में संस्कारों का निर्माण किया जाता है। यह प्रकल्प संस्कारों के जागरण का महत्वपूर्ण उपाय है। इससे बालक-बालिकाएं धर्म के प्रति जागरूक बनते हैं। उनके भीतर सद्‌भावों सत्‌क्रिया का विकास होता है।

 मुनि जयेशकुमारजी ने अपने युग में चलने वाली ज्ञानशाला के अनुभवों प्रकट करते हुए कहा कि प्रत्येक ज्ञानार्थी को देव, गुरु, धर्म के प्रति गहरी श्रद्धा का विकास होना चाहिए। इसके लिए संकल्प शक्ति का जागरण करें। संकल्प बल से व्यक्ति महान बन सकता है। संकल्प शक्ति के जागरण का आधार नमस्कार महामंत्र है। इसका नित्य प्रति स्मरण भाव शुद्धि, कर्म शुद्धि, आत्म शुद्धि का महान आधार है।

 मुनि भव्यकुमारजी ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।

कार्यक्रम में किलपॉक ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। अभातेयुप में मंत्र दीक्षा सहप्रभारी संतोष सेठिया ने भावाभिव्यक्ति दी। आभार तेयुप मंत्री मुकेश आच्छा ने प्रकट किया।