आचार्य तुलसी के अवदान जनोदारक - मुनि रश्मिकुमार
मादनूर (तमिलनाडु) में मनाया गया विसर्जन दिवस
मादनूर, तमिलनाडु : आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री रश्मिकुमारजी ठाणा -2 के सान्निध्य में आचार्य श्री तुलसी का 29वाॅ महाप्रयाण दिवस : विसर्जन दिवस, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वाधान में, तेरापंथ महिला मण्डल, गुडियात्तम की आयोजना में आज मादनूर में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण द्वारा की और एक गीतिका की प्रस्तुति भी दी।
मुनि श्री रश्मिकुमारजी ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी के जीवन में संघर्ष का काफिला चलता रहा पर वे घबराये नहीं, हमेशा आगे बढ़ते रहे। वे सक्रियता, जागरूकता और खुशहाल रहना अच्छी तरह से जानते थे। प्रेक्षाध्यान, अणुव्रत आदि कई अवदान जैनों को ही नहीं बल्कि जन जन तक पहुँचाने के कार्य में सफल हुए।
मुनि श्री प्रियांशुकुमारजी ने कहा कि जैसे तुलसी का पौधा अनंत गुणों से भरपूर होता हैं, वैसे ही आचार्य श्री तुलसी भी अनंत गुणों के भंडार हैं। वे एक कीर्तिमान पुरुष थे। अपने हाथों से प्रथम बार 31 दीक्षाए उन्होंने दी और तीन साध्वी झमकुज़ी, साध्वी लाँडाजी, साध्वी कनकप्रभाजी को साध्वीप्रमुखा पद प्रतिष्ठित किया।
इस कार्यक्रम में माधनूर, गुडियात्तम, वाणियंबाडी, के वी कुप्पम के श्रावक-श्राविका शामिल हुए।
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