आचार्य महाप्रज्ञ के हर एक ग्रंथ में जीवन को बदल देने की शक्ति : मुनि रश्मिकुमार
वाणियंबाड़ी (तमिलनाडू) 22.06.2025 : आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की 106वाॅ जन्म जयंती दिवस वाणियंबाड़ी में मुनिश्री रश्मिकुमारजी एवं मुनिश्री प्रयांशुकुमारजी की पावन सानिध्य में मनाई गई।
इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में द इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र के संस्थापक श्री रामनाथ गोयनका के पौत्र श्री प्रशांत गोयनका उपस्थित रहे। श्री दिलीप बाफना ने स्वागत भाषण दिया।
मुनिश्री रश्मिकुमार ने आचार्य महाप्रज्ञजी के जीवन चरित्र, उनकी दीक्षा की प्रक्रिया, उन्होंने संन्यास कैसे लिया, उनके त्यागमयी जीवन की प्रेरणादायक घटनाओं को अत्यंत सुंदर रूप में प्रस्तुत किया। मुनिवर ने आगे कहा आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने 300 से अधिक ग्रंथों की रचना की है और उनके हर एक ग्रंथ में जीवन को बदल देने की शक्ति है।
वनियामबाड़ी महिला मंडल ने अपनी प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला के बच्चों ने आचार्य श्री महाप्रज्ञजी को बचपन में कैसे वैराग्य आया और उन्होंने आचार्य श्री कालूगणी से दीक्षा ली, उनका बच्चो ने अच्छी तरह तैयारी करके नाटक के रूप में सबके सामने प्रस्तुति दी। इस विशेष अवसर पर वाणियंबाड़ी, गुड़ियात्तम मायवरम, कृष्णागिरी, मादनुर, तिरूपत्तूर आदि क्षेत्रों से अच्छी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने भाग लिया। वनियामबाड़ी के सभा अध्यक्ष चंद्रप्रकाशजी दूगड़, महेंद्रजी दूगड़, दिलीपजी बाफना, धीरजजी बाफना, नरेंद्रजी दुगड आदि कार्यकर्तागण इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सहयोगी रहे।
समाचार साभार : राजेश कुमार गिरीया
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