सहज कवि एवं महान साहित्यकार थे आचार्य भिक्षु : साध्वी डॉ गवेषणाश्री

★ 222वें भिक्षु चरमोत्सव पर हुआ भव्य धम्मजागरणा का कार्यक्रम

 ★ भिक्षुमय गीतों से गायक कलाकारों ने बांधा समा

माधावरम् : श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम ट्रस्ट एवं तेरापंथ युवक परिषद् चेन्नई के सयुंक्त तत्वावधान में आचार्य श्री भिक्षु स्वामी का 222वें चरमोत्सव दिवस पर एक शाम भिक्षु के नाम विशाल धम्मजागरणा का कार्यक्रम आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल मे मनाया गया। 

 अर्हत् वन्दना, नमस्कार महामंत्र से प्रारंभ धम्मजागरणा में ट्रस्ट बोर्ड प्रबंधन्यासी श्री घीसुलाल बोहरा ने पधारे हुए सभी गायक कलाकारों, श्रावक समाज का स्वागत- अभिनन्दन कियाl उपस्थित विशाल जनसैलाब को सम्बोधित करते हुए हुए साध्वी श्री डॉ गवेषणाश्री जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु एक कुशल विधिवेता के साथ-साथ एक सहज कवि एवं महान साहित्यकार थे। वे जब तक जिये, ज्योति बनकर जिये। उनके जीवन का हर पृष्ठ, पुरुषार्थ की गौरवमयी गाथाओं से भरा पड़ा है।

  सभी संगीत कलाकारों को प्रेरित करते हुए साध्वीश्री जी ने कहा कि स्वर का अभ्यास भी साधना है। प्रत्येक हाथी के सिर पर गजमुक्ता मणी नहीं होती या प्रत्येक वन में चंदन के पेड़ नहीं होते, वैसे ही स्वर का गिफ्ट हर कोई को प्राप्त नहीं होता। आचार्य भिक्षु की अभिवंदना में आज पूरा जनसैलाब उमड़ा है और पूरे मनोभाव से इस संध्या का लाभ ले रहे है।

 साध्वी श्री मयंकप्रभाजी ने कहा कि आचार्य भिक्षु का उदय एक नए आलोक की श्रृष्टि थी। उनका जीवन अनेक विशिष्टताओं का पुंज था। अंधियारी घाटी में सत्य का सूरज उगाने वाले महापुरुष थे- आचार्य भिक्षु।

 साध्वी श्री मेरुप्रभाजी ने 'तेरस का मेला सुहाना' सुमधुर गितिका प्रस्तुत की। साध्वी श्री दक्षप्रभाजी ने भी सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। विराट धम्म जागरणा कार्यक्रम में मुख्य कलाकार बेंगलोर से समागत श्री देवीलाल पितलिया, तिरुपुर से श्री ऋषभ आंचलिया, मंड्या से सुश्री ऋतु दक ने बहुत सुंदर प्रस्तुति दी।

 तेरस री है रात, स्वामीजी थारी साधना री, भिक्षु भिक्षु भिक्षु म्हांरी आत्मा पुकारे आदि अनेकानेक स्वरलहरियों के साथ अपनी प्रस्तुतीयों से ऐसा शमा बांधा कि हर श्रोतागण भी मंत्रमुग्ध होकर भावविभोर हो गए। धम्म जागरणा के प्रायोजक श्री रमेशजी, जितेन्द्र जी, ह्रदान, ध्यान आंचलिया परिवार एवं गायक कलाकारों का ट्रस्ट बोर्ड की ओर से अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री राकेश खटेड ने एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री प्रवीण सुराणा ने दिया।