कर्मसत्ता को धर्मसत्ता से जीता जा सकता : साध्वी संयमलताजी

★ अठाई तप अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित

मड्या : आचार्य महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी संयमलताजी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन, मड्या में अठाई तप अभिनन्दन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

 साध्वी संयमलताजी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया में हर व्यक्ति को सत्ता प्रिय होती है। कर्मसत्ता अपने किए कर्मों का फल देने वाली होती है। कर्मसत्ता को धर्मसत्ता से जीता जा सकता है। अंधेरे घर में यदि कोई अचानक दीपक जला दे, तो प्रकाश हो जाता है। कीचड़ से भरे तालाब में एक कमल खिल जाए तो तालाब का सौंदर्य बढ़ जाता है। इसी प्रकार जीवन में भी धर्म का दीप जल जाए तो जीवन महान बन जाता है।


 साध्वी मार्दवश्रीजी ने कहा कि समय, स्थान व संयोग अच्छे हो या बुरे, शुभ हो या अशुभ, पवित्र हो या अपवित्र वे अपने आप मे पूर्ण नहीं है। अगर आप शुभ भावों के पावर हाउस से कनेक्टेड रहेंगे तो घर में रहकर भी धर्म के मार्ग पर चल सकते है। 

 मैसूर से कृष्णा दक के अठाई तप अनुमोदन मे 8 तपस्वियों ने तेलों से तप अनुमोदन की। साध्वीवृंद ने स्वरचित गीतिका का संगान किया। 


 रविवार ज्ञानशाला दिवस पर "उडान" ज्ञानशाला शिविर का आयोजन रखा है। जिसमें अनेक क्षेत्रों के बच्चे भाग लेंगे। मुख्यवक्ता के रूप में श्रीमान् राकेशजी खटेड (चैन्नई) की विशेष उपस्थिति रहेगी। बच्चों में संस्कार, सोच, समझ कैसे, किस तरीके से विकसित हो इस पर कार्यक्रम निर्धारित है।