प्रसन्नता से बढ़ती रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति - साध्वी डॉ गवेषणाश्री

★ ढ़ाई अक्षर के शब्द- विषय पर रविवार को होगी विशेष प्रस्तुति

 चेन्नई : आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या डॉ. साध्वी गवेषणाश्री के सान्निध्य में 'बी हैप्पी, नॉर्मल बीपी' कार्यशाला का आयोजन जैन तेरापंथ नगर, माधावरम् में हुआ। 

 डॉ साध्वी गवेषणाश्रीजी ने कहा कि हम अपने कपड़े बदलतें है, हमारा एड्रेस बदलतें रहते है, लेकिन हम हमारे चेहरे को स्माईल नहीं रख पाते हैं, बदलतें रहते हैं। हमें अपने जीवन की प्रसन्नता को नहीं भूलना चाहिए। जीवन को यदि बीमारी रहित रहना है तो खुश रहे। यह सुखी जीवन का बहुत बड़ा मंत्र है। यह एक ऐसा प्राकृतिक टानिक है, जिसके द्वारा विजातीय तत्वों का निष्कासन किया जा सकता है। शरीर के दर्द, गठिया, वात रोग, एलर्जी, बीपी, शुगर जैसे रोगों से राहत देने में सहायक तत्व है। रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बढ़ाने का बहुत बड़ा साधन है। जरूरत है किसी से बात करे तो मुस्कुराकर करे, किसी से मिले तो मुस्कुराकर मिले। हम जो भी कार्य करे खुशियों के साथ करें।


★ दिन का प्रारम्भ, समापन खुशी के साथ हो 

 साध्वी श्री मयंकप्रभाजी ने कहा कि मुस्कान वह चंदन का तिलक है, जिसके माथे पर पर लगेगा, वह भी महकेगा और जिस अंगूठे से लगाओंगे वह भी सुगन्धित हो जायेगा। मुस्कान वह पुष्प है- जिसे देने या लेने में कुछ नहीं लगता, फिर भी यह जिसे मिलता है, वह प्रसन्नता महसूस करता है। स्वस्थ रहना है तो आवश्यक है दिन का प्रारंभ और समापन खुशी के साथ करें।

 साध्वी श्री दक्षप्रभाजी ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी श्री मेरुप्रभाजी ने कुशलतापूर्वक कार्यक्रम का संचालन किया। मुंबई से समागत महिला मंडल प्रभारी श्रीमती सुनीता गेलडा ने अपने विचार रखें।

 नवगठित तेरापंथ सभा, उत्तर चेन्नई के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री इंदरचंदजी डूंगरवाल एवं उनकी टीम का माधावरम् ट्रस्ट बोर्ड की ओर से प्रबंधन्यासी श्री घीसूलाल बोहरा एवं अन्यों ने सम्मान किया। इस सन्दर्भ मे साध्वीश्रीजी ने फरमाया कि खूब आगे बड़ो एवं संघ और संघपति की सेवा- आराधना करते हुए अपना भी आध्यात्मिक विकास करते रहे। साध्वीश्रीजी के सान्निध्य में रविवार सुबह प्रवचन में 'ढाई अक्षर का शब्द' धर्म से कर्म का क्षय कर भाग्य को बदलकर प्रेम से जीने की कला। भक्ति से शक्ति जगाकर मुक्ति तक पहुंचने के रहस्य विषयक पर प्रभावी प्रस्तुति रहेगी।