वास्तु एवं मंत्रो से मिलता जीवन में समाधान : मुनि सुधाकर

★ टीपीएफ द्वारा वास्तु एवं मंत्रों पर भव्य सेमिनार का आयोजन

 रायपुर : आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य जैन मुनि सुधाकर के सानिध्य में रायपुर के शंकर नगर स्थित कम्युनिटी हॉल में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम द्वारा सुखी परिवार में जैन वास्तु एवं मंत्रों की भूमिका पर भव्य सेमिनार का आयोजन रविवार को किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया।

  मुनि सुधाकर ने कहा कि वास्तु एवं मंत्रों से भाग्य में बदलाव संभव है। जैन दर्शन अनेकांतवाद में विश्वास रखता है। वह निमित्त और उपादान दोनों के महत्व को स्वीकार करता है। जैन आगमों में वास्तु के संदर्भ में विस्तार से विवेचन हुआ है।


 वास्तु के प्राण पुरुष विश्वकर्मा को भगवान ऋषभदेव का पुत्र माना जाता है। वास्तु का संबंध दस दिशाओं और पांच तत्वों से जुड़ा है। जैन ज्योतिष की परंपरा तीर्थंकर काल से ही मानी जाती है। कल्पसूत्र से ज्ञात होता है कि भगवान महावीर ने जैन गणित एवं ज्योतिष में विशेष कुशलता प्राप्त की थी। 

दिशाओं एवं तत्वों का संतुलन बिठाकर हम सुखी जीवन एवं सुखी परिवार की भावना का निर्माण कर सकते हैं।