व्यक्ति स्वयं अपने भाग्य का विधाता - मुनि सुधाकर

★ "गुड लाइफ गुड लक" सफल सेमिनार का आयोजन

 ◆ शिवमोगा लोकसभा सांसद हुए प्रवचन से विशेष प्रभावित

 तेरापंथ युवक परिषद्, शिवमोग्गा के तत्वावधान में आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री  सुधाकरजी के सानिध्य में तेरापंथ सभा भवन में 'गुड लाइफ गुड लक' विषय पर भव्य सेमिनार का आयोजन किया गया।  जिसमें विशाल संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया। सेमिनार का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से किया गया।

 मुनि सुधाकरजी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अष्ट कर्मो व नवग्रहों का तुलनात्मक संबंध बताते हुए कहा कि कर्म हो या ग्रह, जिम्मेदार व्यक्ति स्वयं होता है। अपने उत्थान, पतन, सुख-दुख का कारण भी व्यक्ति स्वयं होता है। व्यक्ति की क्रिया ही कर्म व ग्रह के परिणाम के रूप में फल देती है। किंतु हर व्यक्ति में वह शक्ति और सामर्थ्य होता है कि वह अपने किए हुए फलों में भी शुभ व अशुभ परिवर्तन कर सकता है।

 मुनिश्री ने नव ग्रहों का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा हम अपने आदत व स्वभाव से ग्रहों के प्रभाव को प्रभावित कर सकते हैं।

 शिवमोगा क्षेत्र लोकसभा सांसद राघवेंद्र ने कहा कि जैन मुनियों की तपस्या अद्भुत होती है। आज मैं व्यस्त होने के कारण 05 से 10 मिनट के लिए आया था, मगर मुनिश्री सुधाकरजी के प्रवचन से इतना प्रभावित हुआ कि इस समय का पता भी नहीं चला, एक घंटा हो चुका है। मैं एक घंटा और भी प्रवचन सुनने के लिए तैयार हूँ।

 मुनि नरेशकुमारजी एवं ज्योतिष वास्तु विशेषज्ञ छतरसिंहजी बेगवानी का विशेष वक्तव्य हुआ। कार्यक्रम के शुरुआत में महिला मंडल की सदस्यों ने गीतिका की प्रस्तुति दी, स्वागत वक्तव्य युवक परिषद अध्यक्ष राजेश भटेवरा एवं हनुमान कोठारी ने दिया एवं आभार युवक परिषद के मंत्री दिनेश संचेती व कार्यक्रम का कुशल संचालन चंद्रप्रकाश छाजेड़ ने किया।