नुतन वर्ष का मंगलपाठ, तिरुप्पुर

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी डॉ श्री गवेषणा श्रीजी ठाणा 4 के सानिध्य में तमिलनाडु राज्य के तिरपुर शहर में बृहद् मंगलपाठ का आयोजन हुआ। सैकड़ों भाई बहनों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कोयम्बतूर, इरोड, कुन्नूर, मैसुर, श्रीकाली आदि क्षेत्रों से आएं श्रावक श्राविकाओं ने मंगलपाठ का श्रवण किया।

कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी श्री के द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुई।साध्वी श्री गवेषणा श्रीजी ने कहा - मनुष्य सदा अपने आपको बचाने का प्रयास करता है, विघ्न बाधाओं के निवारण का उपाय खोजता है। वह अपने पौरुष और श्रम को तभी सार्थक और सफल मानता है जब उसका प्रारंभ कार्य निहयाती तक पहुंच जाता है। अमीष्ट सिद्धि के लिए बृहद् मंगलपाठ  एक मंत्र भी है और शुभकार्य के लिए या भविष्य के लिए की जानेवाली मंगलकामना का भी धोतक बनें। आज नये साल का पहला दिन ही नहीं अपितु हर क्षण, हर समय, हर महिना, हर वर्ष  हमारे नैतिक कार्यो से शुभ एवं मंगलमय बना रहे।

साध्वी श्री मेरूप्रभाजी ने ओजस्वी वाणी में गीतिका की प्रस्तुति दी। साध्वी श्री मंयकप्रभा जी ने कहा - संस्कृत का एक सुन्दर सूक्त है - "प्रयोजमन्तरेण  न मन्दोऽपि प्रवर्तते।" बिनाप्रयोजन के मन्द व्यक्ति भी किसी कार्य में प्रवृत्त नहीं होता। तो बुद्धिमान कहलानेवाला व्यक्ति अकारण उसमें क्यों प्रवृत्त होगा। यह सच्चाई है प्रत्येक कार्य के साथ व्यक्ति की अपनी एक कामना जुड़ी हुई है। आज का बृहद् मंगलपाठ भी कामना लिए हुए हैं। साध्वी श्री दक्षप्रभाजी जी ने सुमधुर गितिका से सबका मन मोह लिया।


महिला मंडल ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। सभा अध्यक्ष श्रीमान अनिल जी आंचलिया ने सभी का स्वागत किया। महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती नीतू जी सिंघवी, तेयुप अध्यक्ष श्रीमान सोनु जी डागा, इरोड से महासभा के उपाध्यक्ष श्रीमान नरेंद्र की नखत, श्रीकाली से महासभा के आंचलिक प्रभारी श्रीमान ज्ञानचंद जी आंचलिया, कुन्नूर से तमिलनाडु के अणुव्रत के प्रभारी श्रीमती सरला जी बरडिया, मैसुर से अणुव्रत समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीमान शांतिलाल जी नौलखा ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। सभा के मंत्री श्रीमान मनोज जी भंसाली ने सभी का आभार व्यक्त किया।


समाचार प्रदाता - विकास सेठिया