प्रज्ञा शिखर महापुरुष थे आचार्य महाप्रज्ञ : शासनश्री साध्वी सत्यप्रभा
प्रेक्षाप्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञजी का 14वां महाप्रयाण दिवस
बालोतरा :- स्थानीय न्यू तेरापंथ भवन में शासनश्री साध्वी सत्यप्रभाजी के सान्निध्य में प्रेक्षाप्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञजी का 14वां महाप्रयाण दिवस मनाया गया। महिलामण्डल के द्वारा मंगलाचरण से शुरुआत की गई।
साध्वी श्री सत्यप्रभाजी ने अपने उद्बोधन में फरमाया कि आचार्य महाप्रज्ञ प्रज्ञा शिखर महापुरुष थे। आचार्यश्री के जीवन दर्शन के बारे में बताते हुए साध्वी श्री ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ने पहला श्वास भव्य प्रसाद के नही, रेतीली भूमि पर उन्मुक आकाश में लिया। जिसने कभी स्कूल का दरवाजा तक नही देखा। आचार्य कालूगणी की छत्र छाव में गुरुदेव तुलसी ने आपश्री की प्रज्ञा जागृत की। तभी आप मुनि नथमल से महाप्रज्ञ, और महाप्रज्ञ से आचार्य महाप्रज्ञ बने। आचार्य तुलसी के सानिध्य में रहकर आपश्री ने दर्शन, न्याय, व्याकरण, कोष, मनोविज्ञान, ज्योतिष, आयुर्वेद आदि शायद ही कोई ऐसा विषय हो जिस पर प्रज्ञा पुरुष की पकड़ न हो।
आपश्री ने जैनागमों के अध्ययन के साथ साथ भारतीय एवं भारतीयेत्तर सभी दर्शनों का अध्ययन किया था। संस्कृत, प्राकृत एवं हिन्दी भाषा पर आप का पूर्णतया जानकार व उस भाषा के अधिव्यक्ता थे। आप संस्कृत भाषा के सफल आशु कवि भी थे। आपने जैन आगम, बौद्ध ग्रंथों, वैदिक ग्रंथों तथा प्राचीन शास्त्रों का गहन अध्ययन किया था।
साध्वी श्री ध्यानप्रभाजी ने फरमाया कि आचार्य महाप्रज्ञ तेरापंथ धर्म संघ में प्रेक्षाध्यान के रूप में एक विशिष्ठ वैज्ञानिक साधना पद्धति के द्वारा सैकड़ो व्यक्तियो के मानसिक विकृति को दूर हटाकर आध्यत्मिक ऊर्जा एवं शांति प्राप्त हो वैसा अवदान दिया। उनकी बहुत सी पुस्तकें और लेख उनके पूर्व नाम मुनि नथमल के नाम से प्रकाशित हुई।
साध्वी श्रुतप्रभाजी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ एक संत, योगी, आध्यात्मिक, दार्शनिक, अधिनायक, लेखक, वक्ता कवि साहित्यकार थे। आपके विभिन्न विषयों पर लगभग 150 ग्रंथ लिखे।
मुमुक्षा प्रियंका बाई ने बताया आचार्य महाप्रज्ञ एक योगीपुरुष थे। आचार्य महाप्रज्ञ ने छोटे छोटे ध्यान व पुस्तकों के माध्यम जीवन जीने की राह बताई।
तेरापंथ सभा अध्यक्ष धनराजजी ओस्तवाल, वरिष्ट श्रावक चम्पालालजी बालड़, महिला मंडल पूर्व अध्यक्षा अयोध्यादेवी ओस्तवाल, कमलादेवी ओस्तवाल, महिला गीत व विभिन्न ज्ञानशाला बच्चों द्वारा आचार्य महाप्रज्ञजी के बारे मे भाषण, गीतिका, महाप्रज्ञ अष्ठकम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी श्री यशश्वीप्रभाजी द्वारा किया गया।
समाचार साभार : नवनीत बाफणा
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