विद्यालय वह मन्दिर जहां तराशी जाती है बच्चों की प्रतीभा - मुनिश्री अर्हत् कुमार
"कैसे हो भारत के भविष्य का निर्माण" विषय पर छात्रों को सिखायें गुर
कलामबेला (कर्णाटक) 17.11.2022 ; विद्यालय वह पावन मंदिर है, यहां अनगढ़ पत्थर आते है, जो टीचर की पैनी-छैनी के द्वारा एक मूर्ती के रुप मे निर्मित होते है। विद्यालय जहां बच्चे प्रशिक्षित होते है और इनकी शिक्षा को जीवन में अपनाने वाले विकसित होते है। विद्यालय वह पावन धाम है, जो बच्चों के जीवन को परिमार्जित कर उसे उसके जीवन को सुहावना, लुभावना, मनभावना बना देता है। उपरोक्त विचार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कलामबेला में "कैसे हो भारत के भविष्य का निर्माण" रुपी विषय पर छात्रों को प्रेरणा देते हुए मुनिश्री अर्हत् कुमार ने कहे।
मुनिश्री ने आगे कहा- बच्चों को अपने स्वर्णिम भविष्य के निर्माण के लिए जिन्दगी मे नशे से बचना चाहिए। रोज सुबह माता-पिता का आर्शीवाद लेना चाहिए। अपनी प्रतिभा का विकास कर अपने गुणो का ग्राफ बढ़ाना चाहिए। मुनि श्री ने सभी बच्चों को नशा मुक्त जीवन जीने के संकल्प करवाएं।
मुनि श्री भरतकुमारजी ने सभी में जोश भरते हुए कहा जो करता है महाप्राण ध्वनि का अभ्यास, उसका होता है विकास, जो करता है जीवन विज्ञान, वो बनता है महान। छात्रों को स्मृति विकास के लिए महाप्राण ध्वनी, आसन्न इत्यादि के प्रयोग करवाये। मुनिश्री जयदीपकुमार ने अपने विचार व्यक्त किये।
सिखाये स्मृति विकास के प्रयोग, विडिओ देखने के लिए क्लिक करें
इससे पहले आज सुबह मुनिवृंद जीतो विहार धाम, नेलाहल्ल से 17 किलोमीटर का विहार कर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कलामबेला पधारे। प्रधानाचार्य श्री अनिलकुमार ने मुनिश्रीजी का स्वागत किया और उनके आगमन को अपना सौभाग्य बताते हुए अपने विचार व्यक्त किए। मुनिश्री के सेवा मे तेयुप बेंगलुरु से श्री रजतजी बैद, रमेशजी सालेचा, दीपकजी गादिया, कुलदीपजी सोलंकी, धीरजजी सेठिया ने रास्ते की सेवा का लाभ लिया। मुनिश्री के सान्निध्य मे कैसे हो भारत के भविष्य का निर्माण कार्यक्रम रखा गया। जिसका हिन्दी से कन्नड़ मे अनुवाद रजत वैद ने किया। महिला मंडल की ओर से लता गादिया और विमलाबाई भंसाली उपस्थित रहे। कार्यक्रम मे छात्रों के साथ सभी शिक्षकों ने भाग लिया।
जुड़े शुभ न्यूज के व्हाट्सएप ग्रुप में
https://chat.whatsapp.com/GWPQBk0biaQBulrEE9NSDw
Post a Comment
Post a Comment