ज्ञान ज्योति कार्यशाला का आयोजन 


पीएं ज्ञान का रस, जीवन बने सरस : साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा

साहूकारपेट, चेन्नई 09.10.2022 ;  तेरापंथ भवन में साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में जैन विश्वभारती संस्थान से जैन दर्शन, जीवन विज्ञान आदि में एम. ए. करने वाले एवं तत्त्वविज्ञ, तेरापंथ तत्व प्रचेता, जैन विद्याविज्ञ आदि शिक्षा प्राप्त भाई बहनों के लिए ज्ञान ज्योति कार्यशाला का आयोजन किया गया।


  'पीएं ज्ञान का रस, जीवन बने सरस' विषय पर प्रबुद्ध विचार प्रस्तुत करते हुए साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने कहा कि वर्तमान ज्ञान सम्पदा के आदि स्त्रोत भगवान महावीर हैं। उनकी सर्वज्ञता के आलोक में सारा ज्ञान दृष्टिगम्य बनकर हमारे पास पहुंचा। उसके बाद गणधरों एवं आचार्यों ने ज्ञान राशि को अक्षुण्ण बनाए रखा। जैन परम्परा में सबसे बड़ी राशि चौदह पूर्वों में निहित है। ज्ञान की साधना, आनन्द प्राप्त कराती है। ज्ञान के क्षेत्र में तेरापंथ संघ ने सर्वोच्च विकास किया है। अनेक ग्रन्थों का निर्माण तेरापंथ संघ में हुआ है। तेरापंथ के आचार्यों ने संघ को ज्ञान सम्पन्न बनाया है। तेरापंथ संघ में ज्ञान चेतना का उत्कृष्ट विकास हुआ है। जब व्यक्ति ज्ञान चेतना में रमण करता है, तो बाह्य सुख उसे अच्छे नहीं लगते। अनेक श्रावकों ने ज्ञान की दृष्टि से अच्छा विकास किया है। आज का दिन ज्ञान चेतना समृद्धि के संकल्प का दिन है। आवश्यकता है व्यक्ति के भीतर ज्ञान चेतना जागे। ज्ञान विकास के लिए उम्र की सीमा नहीं होती। जो व्यक्ति मस्तिष्क का उपयोग करते हैं, ज्ञान की साधना करते हैं, उनका मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। ज्ञान का आनन्द अव्यक्त होता है। साध्वीश्रीजी ने विशेष रूप से कहा कि चेन्नई के ज्ञान पिपासु भाई-बहन जैन विद्वान बनने की दिशा में आगे बढ़े। 

 साध्वी सुदर्शनप्रभा, साध्वी सिद्धियशा, साध्वी राजुलप्रभा, साध्वी चैतन्यप्रभा एवं साध्वी शौर्यप्रभा ने "ज्ञान की ज्योत जलाएं हम" गीत का संगान किया। तेरापंथ सभाध्यक्ष उगमराज जी सांड एवं मंत्री अशोक जी खतंग ने विचार व्यक्त किए। अनेक सत्रों में विभाजित कार्यशाला में साध्वीश्री डॉ राजुलप्रभा जी ने 'अन्तर सांस्कृतिक शोध' विषय को प्रतिपादित किया। साध्वी डॉ चैतन्यप्रभाजी ने कर्मवाद एवं साध्वी डॉ शौर्यप्रभा जी ने स्थायी ज्ञान के टिप्स बताए। 



 विशेष अतिथि अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती नीलम सेठिया ने कहा कि जिन्होंने भी अपने विषयों में दक्षता हासिल की है, वे अब शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर जैन विद्वानों की पंक्ति में आने का प्रयास करें। कार्यक्रम का संचालन 'ज्ञान ज्योति' कार्यशाला के संयोजक श्री महेन्द्रजी सेठिया ने कुशलता पूर्वक किया। कार्यक्रम में चेन्नई से अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल कार्यकारिणी सदस्या दीपा पारख, चैन्नई तेरापंथ महिला मंडल उपाध्यक्षा गुणवंती खांटेड, तेरापंथ सभा सहमंत्री देवीलालजी हिरण, मनोज गादिया, उपासक पदमजी आंचलिया इत्यादि गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।



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