गुरु सन्निधि में जैन संस्कारक राष्ट्रीय सम्मेलन
तालछापर ; युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में जैन संस्कार विधि के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन दिनांक 21/09/2022, बुधवार को छापर में हुआ।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष श्री पंकजजी डागा ने गुरुदेव के श्री चरणों में जैन संस्कार विधि के महत्व एवं जैन संस्कारकों द्वारा दी जा रही सेवाओं का उल्लेख किया एवं साथ ही सम्पूर्ण जैन समाज से जैन संस्कार विधि से सभी मांगलिक कार्यक्रम संपादित करवाने का आह्वान किया। जैन संस्कार विधि के राष्ट्रीय प्रभारी श्री राकेशजी जैन ने वर्षभर में जैन संस्कार विधि से संपादित हुए कार्यक्रमों की जानकारी दी। देशभर से समागत जैन संस्कारकों ने पूज्यप्रवर के समक्ष समूह स्वर में गीत का संगान किया।
आचार्यश्री ने समुपस्थित जैन संस्कारकों को पावन प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि जैन संस्कार विधि की मूल आत्मा सादगी, संयम है और इसका आभूषण नवकार महामंत्र, लोगस्स आदि पाठ हैं। जैन संस्कार विधि के कार्यक्रमों में संयम रहे, सादगी रहे।
पूज्यप्रवर के सम्मुख सम्मेलन के मुख्य प्रायोजक कल्याण मित्र जुगराजजी नाहटा, जैन संस्कार विधि के मुख्य प्रशिक्षक श्री डालिमचंदजी नवलखा एवं तेयुप छापर का सम्मान किया गया। श्री विमलजी गुणेचा को "श्री" श्रेणी की मानद उपाधि प्रदान की गई।
मुख्य मुनिश्री महावीरकुमारजी ने महत्ती कृपा कर समय प्रदान किया एवं प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि धर्मसंघ में जैन संस्कारक अच्छा कार्य कर रहे हैं। सभी संस्कारकों को संबोधित करते हुए मुख्य मुनिश्रीजी ने फरमाया कि सर्वप्रथम अपनी जीवन शैली स्वच्छ रखें एवं अपने परिवार के मांगलिक कार्य जैन संस्कार विधि से कराएं।
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