नववर्ष का प्रारंभ शुभ संकल्पों के साथ करें - मुनि दीपकुमार

कडलूर : तमिलनाडु के कडलूर शहर में श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन मंदिर परिसर के जैन भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री दीपकुमारजी ठाणा- 2 के सान्निध्य में विक्रम संवत् 2081 के प्रारंभ के अवसर पर नववर्ष पर मुनिश्री का उद्‌बोधन एवं मंगलपाठ का आयोजन जैन श्वेताम्बर श्री जैन संघ कडलूर द्वारा किया गया।

 मुनिश्री दीपकुमारजी ने कहा कि नया वर्ष शुभ संदेश लेकर आता है। नयापन सबको पसंद हैं। नववर्ष का प्रारंभ हम शुभ संकलों के साथ करें। जैसे हमारे संकल्प होंगे, वैसे हम बनते जाएंगे। समय बीत जाता है क्योंकि समय के पांव नहीं, पंख होते हैं। इसीलिए वि. सं. 2080 बीत गया और आज वि. सं. 2081 का प्रारंभ हो गया। यह वर्ष हम सब के लिए मंगलकारी, शुभकारी और कल्याणकारी बने। मुनिश्री ने नये वर्ष पर मंगलपाठ का श्रवण कराया।


 मुनिश्री काव्यकुमारजी ने कहा कि माया को ऋजुता से जीतो। जो माया करता है, वह स्वयं अपनी आत्मा का अहित करता है। रिश्तों में बिखराव माया के कारण होता है।

 कार्यक्रम में श्री जैन संघ की ओर से श्री सोभागमलजी सांड ने नववर्ष की सबको शुभकामनाएं सम्प्रेषित की। इस अवसर पर कडलूर के अलावा चेन्नई तेरापंथ सभा अध्यक्ष उगमराजजी सांड एवं अन्य अनेकों क्षेत्रों के व्यक्तित्व भी उपस्थित रहे।