संत समागम जीवन को करता प्रकाशित : शासनश्री साध्वीश्री शिवमालाजी


◆ साध्वीवृन्द का हुआ भव्य चातुर्मास्य  प्रवेश

चेन्नई 25.06.2023 : आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या शासनश्री साध्वीश्री शिवमालाजी ठाणा 4 का भव्य जुलूस के साथ एस एच जी जैन तेरापंथ भवन, ट्रिप्लीकेन, चेन्नई में चातुर्मासिक प्रवेश हुआ।

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◆ संत समागम होता पाप, ताप, संताप हरने वाला
तेरापंथ ट्रस्ट, ट्रिप्लीकेन द्वारा आयोजित चातुर्मास्य प्रवेश एवं स्वागत अभिनंदन समारोह को सम्बोधित करते हुए साध्वी श्री शिवमालाजी ने कहा कि संतों का आगमन पुण्योदय की निशानी है। जन-जन के लिए कल्याणकारी, मंगलकारी होता है। पाप, ताप, संताप को हरने वाला होता है। थोड़े से नमक से भोजन का स्वाद बढ़ जाता है, उसी प्रकार संतों की थोड़ी संगत भी आत्म कल्याणकारी होती है, जीवन की दशा, दिशा बदलने वाली होती है।

◆ साधु वित्त नहीं, अपितु चित की दुर्लभता हरते 
साध्वीश्री ने विशेष रूप से कहां कि संत प्रकाशित करने आते हैं न कि प्रभावित। संत सुलझाने आते है, न कि उलझाने। साधु वित्त को नहीं अपितु चित की दुर्लभता को हरते है।
साध्वीश्री ने आह्वान करते हुए कहा कि जागों-जागों जी, जगाने आया चातुर्मास है। समर्थ व्यक्ति ही मंजिल को पाता है, अतः श्रावक समाज को इस चातुर्मास काल में अपने समय का नियोजन कर आत्मोत्थान की ओर गतिशील होना चाहिए।
साध्वीश्री ने गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्रसन्नता जाहिर की कि हम ने गुरु आदेशानुसार आज ट्रिप्लीकेन तेरापंथ भवन में चातुर्मास्य पावस प्रवास हेतु मंगल प्रवेश किया।
साध्वी अमितरेखाजी ने कहा कि चातुर्मास सीजन का समय होता है। आचार्य श्री महाश्रमणजी के इस 50वें दीक्षा कल्याणक वर्ष में ज्यादा से ज्यादा ज्ञान को कण्ठस्थ कर, आत्मा की निधि को बढ़ाना चाहिए।
साध्वी अर्हम् प्रभा ने आह्वान किया कि इस चातुर्मास काल में ज्यादा से ज्यादा मुमुक्षु बने, उपासक, बारह व्रती, सुमंगल साधना वाले श्रावक बने।

◆ भव्य अणुव्रत रैली
इससे पूर्व श्री शांतिलाल बंबोली, एलिस रोड निवास स्थान से भव्य अणुव्रत रैली (जुलूस) के साथ साध्वीवृंद का मंगल प्रस्थान हुआ। चार वर्ष के अंतराल से मिले इस चातुर्मास से ट्रिप्लीकेन वासी पुरे जोश, उत्साह में थे। ट्रिप्लीकेन ज्ञानशाला, कन्या मण्डल, किशोर मण्डल, तेरापंथ युवक परिषद , महिला मण्डल, तेरापंथ सभा आदि विभिन्न केन्द्रीय एवं स्थानीय संस्थाओं के सदस्यों के बीच साध्वीवृंद जब विहाररत थे, पुरा बाजार जय घोषों से गुंजायमान हो रहा था। विशाल जनमेदिनी के साथ नियत शुभ समय में साध्वीवृन्द ने ट्रस्ट पदाधिकारी से अनुमति ले सभा भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया। अणुव्रत रैली धर्म सभा में परिवर्तित हुई।
स्वागत अभिनंदन समारोह का शुभारम्भ साध्वीश्री के मंगल मंत्रोच्चार एव नमस्कार महामंत्र के जप से हुआ। ज्ञानशाला ज्ञानार्थीयों ने महावीर अष्ट्रकम से मंगलाचरण किया। ट्रिप्लीकेन महिला समाज के "ध्वजा धर्म की लहराने आये सतीवर जी" मंगल संगान पर ज्ञानार्थीयों ने सुन्दर प्रस्तुति दी, जिस पर सारे सदन ने ऊँ अर्हम् की ध्वनि की। तेरापंथ महिला मण्डल ने 'सतीवर लाया थे आंगणियां में पावस री बौछार, गुरु वर की कृपा स्यू मिल्यों उपहार' गीत की प्रस्तुति दी। कन्या मण्डल ने चारों साध्वीवृन्दों का सुन्दर परिचय बताते हुए, यह स्वागत तो भावों की शहनाई है- संगीत का संगान किया।
तेरापंथ ट्रस्ट ट्रिप्लीकेन के प्रबंध न्यासी श्री सुरेश संचेती ने स्वागत अभिभाषण की प्रस्तुति दी।

◆ अभ्यर्थना के स्वर 
स्वागत अभ्यर्थना में तेरापंथी महासभा कार्यसमिति सदस्य और साहूकारपेट ट्रस्ट के प्रबन्ध न्यासी श्री विमल चिप्पड़, तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती पुष्पा हिरण, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका श्रीमती कुसुम चोरड़िया, महिला मण्डल मंत्री श्रीमती रीमा सिंघवी, तेरापंथ सभा मंत्री श्री अशोक खतंग, अणुव्रत समिति अध्यक्ष श्री ललित आंचलिया, तेरापंथ प्रोफेशनल फारम अध्यक्ष श्री प्रसन्न बोथरा, तण्डियारपेट ट्रस्ट के प्रबन्ध न्यासी श्री इन्दरचन्द डुंगरवाल, नोर्थ टाऊन तेरापंथ परिवार के अध्यक्ष श्री राजकरण बैद, श्री महावीर संचेती इत्यादि ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। तेयुप अध्यक्ष श्री दिलीप गेलड़ा ने साध्वी लावण्यश्रीजी से प्राप्त संदेश का वाचन किया। स्वागत समारोह कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री श्री विजयकुमार गेलड़ा ने किया। इस अवसर पर अच्छी संख्या में श्रद्धालु श्रावक उपस्थित था।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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