अध्यात्ममय बन दुर्लभ मानव जीवन का ले आनन्द - साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा
★ नगर प्रवेश पर अभिनन्दन कार्यक्रम समायोजित
मलकपेट, सिकन्दराबाद 12.03.2023 ; श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद के तत्वावधान में साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी ठाणा-6 के नगर प्रवेश पर भव्य अभिनन्दन समारोह सुराना भवन, मलकपेट में समायोजित हुआ।
साध्वीश्रीजी ने सुराणा भवन में उपस्थित विशाल जनमेदनी को संबोधित करते हुए कहा कि आज परम प्रसन्नता है की हम परम् पूज्य गुरुदेव द्वारा निर्देशित हमारे चातुर्मास क्षेत्र में पहुंच गए हैं। भगवान महावीर ने धर्म और अध्यात्म में प्रवेश के चार द्वार क्षमा, मुक्ति, ऋजुता, मृदुता बताए हैं। धर्म के प्रथम द्वार क्षमा की साधना करें। जीवन को शांत सरोवर बनाएं। कषाय के बंधन से मुक्त रहे। अध्यात्म की चेतना का जागरण हो, ऐसी साधना करे।
संत समागम जागरण की प्रेरणा देने आते
प्रेरणास्प्रद घटना क्रम का श्रवण कराते हुए साध्वीश्रीजी ने कहा कि जीवन बड़ा कीमती है। मोह चेतना के आवरण को हटाकर इसके असली स्वरूप को समझें और दुर्लभ मानव जिंदगी का आनंद लें। संत समागम जागरण की प्रेरणा देने आते हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें वीतराग शासन, मर्यादित, अनुशासित, भैक्षव शासन मिला है। वर्तमान में युगप्रधान आचार्य महाश्रमणजी का सशक्त सान्निध्य मिल रहा है। गुरु दृष्टि हमारे लिए परम सृष्टि है। एक गुरु की आज्ञा ही हमारे लिए प्राण है, त्राण है और शरण है। गुरु शक्ति हमें अध्यात्म का आरोहण करवाती है।
गुरु आज्ञा का करें अक्षरशः पालन
साध्वी श्री ने आगे कहा कि आज साहूकारपेट, चेन्नई का चातुर्मास परिसम्पन्न कर दक्षिण के विभिन्न क्षेत्रों की पद यात्रा करते-करते हम हैदराबाद आ गए हैं। यह चातुर्मास श्रावक परिवार के उत्थान में योगभूत बनेगा। हम संघ संवर्धन में अपने समय और श्रम का नियोजन करें। गुरु आज्ञा का अक्षरशः पालन करें।
साध्वीश्रीजी ने कहा कि तेरापंथ का श्रावक समाज बड़ा जागरूक है। भगवान महावीर द्वारा प्रदत माता-पिता की उपमा को तहे दिल से सार्थक कर रहा है। इस चातुर्मास में ज्ञान, दर्शन, चरित्र और तप की पवित्र गंगा में स्नान कर निरामय बने। तन और मन को स्वस्थ बनाएं।
साध्वी सुदर्शनप्रभाजी, साध्वी सिद्धियशाजी, साध्वी राजुलप्रभाजी, साध्वी चैतन्यप्रभाजी, साध्वी शौर्यप्रभाजी ने अपने भावों को गीत के द्वारा व्यक्त किया।
साध्वी श्री राजुलप्रभाजी ने कहा अब जागरण का समय आ गया है। आगे बढ़ने का समय आ गया है। इस चातुर्मास को अपने पुरुषार्थ से उपलब्धि भरा बनाएं। संपूर्ण जैन समाज नया मार्गदर्शन प्राप्त कर मंगल संस्कृति और संस्कार को सहेजे और अपने जीवन में उतारे।
अभिनन्दन के स्वर
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एल बी नगर के विधायक श्री देवीरेड्डी सुधीर रेड्डी ने अपने उद्गगार में कहा मुझे यह अवसर भाग्योदय से प्राप्त हुआ है। समय-समय पर मैं आध्यात्मिक सन्निधि का लाभ उठाता रहूंगा।
मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल द्वारा किया गया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबुलाल जी बैद ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किए। महिला मंडल अध्यक्षा अनिता गिडिया ने विचार व्यक्त किए। कन्या मंडल एवं ज्ञानशाला ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी। तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष श्री वीरेंद्र घोसल ने अपने भावों को प्रस्तुत किया। श्री संघ मलकपेट की ओर से पारस दोषी ने स्वागत किया। मलकपेट ज्ञानशाला की सुंदर प्रस्तुति हुई, मलकपेट की बहनों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा भी गीतिका के माध्यम से अपने भावों को प्रस्तुत किया गया। सभा के पूर्व अध्यक्ष राजकुमारजी सुराणा, महिला मंडल, ज्ञानशाला प्रक्षिशिकागण, अणुव्रत समिति अध्यक्ष प्रकाशजी भंडारी, महासभा की ओर से ललितजी बैद, मलकपेट की ओर से उगमराजजी सुराणा, जैन सेवा संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष योगेश सिंघवी, जैन सेवा संघ के महामंत्री अशोकजी मुथा आदि ने अपने शुभकामनाएं सम्प्रेषित की।
अतिथियों का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एल बी नगर के विधायक श्री सुधीर रेड्डी, श्री जैन सेवा संघ के अध्यक्ष योगेश सिंघवी, महामंत्री अशोक मुथा, उपाध्यक्ष सुभाष पिरोदीया, विनोद संचेती एवम अन्य सभी पदाधिकारियों, सदस्यों का स्वागत, सम्मान किया गया।
विशाल जुलूस के साथ मंगल प्रवेश
कार्यक्रम से पहले आज साध्वीवृंद चैतन्यपूरी से विशाल जुलूस के साथ मलकपेट स्थित सुराना भवन पहुंचे।
आज के कार्यक्रम का सुंदर संचालन श्री लक्ष्मीपत बैद और राकेश सुराना ने किया। आभार ज्ञापन सभा मंत्री श्री सुशील संचेती ने किया।
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