चौविहार संथारे का प्रत्याख्यान


◆ साधना, संलेखना के 26वें दिन संथारा साधिका कंचनदेवी लुणिया ने चौविहार संथारे का किया स्वीकरण

★ 25फरवरी को समणी मल्लयप्रज्ञाजी से पच्छखा था तीविहार संथारा

बंगलुरू 01.03.2023 ; "आत्मा भिन्न शरीर भिन्न है" इस सुक्त को चारितार्थ करने को प्रवृद्धमान रामगढ़ (शेखावाटी) निवासी, बेंगलुरू प्रवासी श्रीमती कंचनदेवी लुणिया (90वर्ष) धर्मपत्नी स्व. श्रीचंदजी लुणिया को दिनांक 28.02.2023, मंगलवार को रात्रि 11.50 बजे युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की आज्ञा एवं पारिवारिक जनों की अनुमति से उपासिका श्रीमती मंजूदेवी लूणिया (पुत्रवधु) ने चोविहार संथारे का प्रत्याख्यान करवाया।

फाइल फोटो

ज्ञातव्य है कि आपश्री के साधना, संलेखना का आज 01.03.2023 बुधवार को 27वॉ दिन हैं। आपको परम् पूज्य आचार्य प्रवर की आज्ञा से समणी मल्लयप्रज्ञाजी और समणी नीतिप्रज्ञाजी ने 25.02.2023, शनिवार को साधना के 22वें दिन तीविहार संथारे का प्रत्याख्यान और अतित की आलोयणा करवाई थी।


साधिका श्रीमती कंचनदेवी के भावों की श्रेणी प्रवर्धमान है। वे चेतन अवस्था में है। पारिवारिक जनों के साथ अन्य श्रद्धालुजन संथारा साधिका के निवास स्थान पर अखण्ड जप एवं धार्मिक गतिविधियों के रूप में उन्हें अध्यात्म का वातावरण दे रहे हैं। 

समाचार साभार : दिनेश चोपड़ा

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