हरी भरी दक्षिण की धरती से विदाई
★ मुनिश्री अर्हत् कुमारजी का महाराष्ट्र प्रवेश पर हुआ हार्दिक स्वागत
इचलकरणजी 24.12.2022 ; युगप्रधान शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री अर्हत् कुमारजी ठाणा 3 दक्षिण की उर्वर भूमि में अध्यात्म के बीज का वपन कर, उन्हे सिंचन देते हुए कर्नाटक में चंदन की नगरी मैसूर और फूलों की नगरी बेंगलुरु में चातुर्मास कर अध्यात्म की महक से जनमानस के हृदय को आपलावित करते हुए महाराष्ट्र को भी अध्यात्मिक रस से सराबोर करने हेतु महाराष्ट्र की धरा पर मंगल प्रवेश किया। कर्नाटक महाराष्ट्र बॉर्डर पर मुनिश्री के महाराष्ट्र पदार्पण पर लोगों ने भावभीनी स्वागत किया।
मुनिश्री ने मंगल उद्बोधन में कहा कि संतों का आगमन भाग्य का सूचक होता है। बसंत आने से प्रकृति मुस्कुराती है और संतो के पदार्पण से संस्कृति मुस्कुराती है। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आपको संतों का सान्निध्य कितना मिला, बल्कि महत्वपूर्ण यह है आपने प्राप्त कितना लाभ लिया।
मुनि भरतकुमारजी ने कहा कि हुआ गुरु कृपा से दक्षिण मे मुनि श्री का प्रभावशाली प्रवास, श्रावक- श्राविकाओं को अध्यात्मिक खुराक से बना खास, श्रम, तप, जप, प्रवचन से बना नया इतिहास। मुनि जयदीपकुमारजी ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस मौके पर इचलकरणजी से सभा अध्यक्ष महेंद्रजी गिडिया, मंत्री पुष्पराजजी, पवनकुमारजी बालड़, मनोज सिंवी, विकास सुराणा, तेयुप अध्यक्ष महेश पटावरी, मंत्री अंकुश बाफना, संतोष भंसाली, विनोद भंसाली, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री प्रज्ञा आंचलिया, सुनीता गिडिया, सांगली माधवनगर से श्रीकांतजी संचेती, संजयजी संचेती, प्रदीपजी बोथरा, शशिकांतजी संचेती, राजेंद्रजी चोरडिया, कलावती संचेती, बेंगलुरु से मांगीलाल दक, किरण भाई डूंगरवाल, आकांक्षा कोठारी आदि उपस्थित रहे। सीमा प्रवेश पर बेगलोर, इचलकरंजी, सांगली-माधवनगर इत्यादि अनेक स्थानों के श्रद्धालु श्रावक उपस्थित रहे।
You can also send your news here for publication.
For Publish Advertisements on NEWSSHUBH - Whatsapp 'AD' to
For More Information & Booking About Vijay Palace (अस्थाई निवास)
Call +91-9080972748
Post a Comment
Post a Comment