अणुव्रत समिति, बेंगलुरु के तत्वावधान में 'महाप्रज्ञ अलंकरण दिवस' का आयोजन
स्वस्थ समाज संरचना का संकल्प है जीवन विज्ञान - शासनश्री साध्वीश्री कंचनप्रभाजी
टी दाहरहल्ली, बंगलुरू 06.11.2022 ; अणुव्रत अनुशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या शासनश्री साध्वीश्री कंचनप्रभाजी, शासनश्री साध्वीश्री मंजुरेखाजी आदि ठाणा 5 के सान्निध्य में टी दासरहली तेरापंथ भवन में अणुव्रत समिती, बेंगलुरु के तत्वावधान में 'महाप्रज्ञ अलंकरण दिवस', जीवन विज्ञान दिवस के रूप में मनाया गया।
शासनश्री साध्वीश्री कंचनप्रभाजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोचार के पश्चात कन्या मंडल द्वारा महाप्रज्ञ अष्टकम का संज्ञान हुआ। धर्म सभा को उद्बोधन प्रदान करते हुए शासनश्री साध्वीश्री कंचनप्रभाजी ने कहा कि विनय, समर्पण, श्रद्धा, अनुशासन के अनुपम आदर्श मुनि नथमलजी को आचार्यश्री तुलसी ने 'महाप्रज्ञ अलंकरण' प्रदान किया, सम्मानित किया, अलंकृत किया। लगभग 4 माह पश्चात उनको युवाचार्य पद पर प्रतिष्ठित किया तथा उसी वक्त वे युवाचार्य महाप्रज्ञ नाम से नियुक्त हुए। परम पावन आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने जीवन विज्ञान अवदान दिया, जो स्वस्थ समाज संरचना का संकल्प है। सच्चरित्र का निर्माता होने के साथ-साथ मस्तिष्क प्रशिक्षण की पद्धति हैं। जीवन विज्ञान एक पाठ्यक्रम भी है, जिससे बच्चों को छोटी अवस्था में प्रयोगों के द्वारा जीवन जीने का सही तरीका समझाया जा सकता है।
शासनश्री साध्वीश्री मंजूरेखाजी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ का नाम आते ही विनय और समर्पण मुखरित हो जाते हैं। इतने बड़े दार्शनिक आचार्य होते हुए भी आप में जो विद्वता थी, उसका कभी आपको अहंकार नहीं आया। भारत की कई कॉलेजों में, स्कूलों में तथा कर्नाटक में विशेष कर चल रहा है। यह आचार्यश्री महाप्रज्ञजी की ही देन है। उन्होंने जीवन विज्ञान तथा योग विद्या जन-जन तक पहुंचाकर भारतीय संस्कृति को जीवित रखा। उन्होंने अपने ध्यान साधना से जो प्राप्त किया वह प्रासंगिक होता जा रहा है। जो कहा वह सत्य होता जा रहा है। साध्वी उदितप्रभाजी, साध्वी निर्भयप्रभाजी तथा साध्वी चेलनाश्रीजी ने एक सुमधुर गीत के माध्यम से उनके ज्ञान के प्रति कृतज्ञता प्राप्त की।
दासरहली तेरापंथ सभा के अध्यक्ष नवरत्नमल गांधी ने धर्म सभा का स्वागत करते हुए अपने विचार प्रकट किए। जीवन विज्ञान कर्नाटक के प्रभारी श्री ललित अच्छा ने जीवन विज्ञान की शुरुआत से अब तक की विस्तार से जानकारी धर्म सभा को दी। अणुव्रत समिति बेंगलुरु के अध्यक्ष शांतिलाल पोरवाल ने सभी का स्वागत करते हुए महाप्रज्ञ अलंकरण पर अपने विचार व्यक्त किया। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवराज राईसोनी ने आचार्य तुलसी रचित महाप्रज्ञजी पर सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। टी दासरहली सभा के पुर्व अध्यक्ष लादूलाल बाबेल, महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती रेखा मेहर, सभा कोषाध्यक्ष प्रकाशचंद गांधी, समिति के पुर्व अध्यक्ष रामलाल गन्ना, कार्यकारिणी से रुपचंद देसरला, जवरीलाल दुगड़, बड़ोदरा तेरापंथ सभा के पुर्व अध्यक्ष राजूभाई मेहता और अन्य गणमान्य सदस्य की उपस्थिति रही। कन्हैयालाल गांधी ने कुशल संचालन किया।
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