संस्कारकों के बीजारोपण का सशक्त माध्यम है ज्ञानाशाला : मुनि सुमतिकुमार
★ केसुम्बला में ज्ञानाशाला का हुआ शुभारम्भ
केसुम्बला (सिवाणची मालाणी) : युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री सुमतिकुमारजी की प्रेरणा से जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, केसुम्बला (मारवाड़) के अंतर्गत ज्ञानशाला का गठन हुआ।
मुनि श्री सुमतिकुमारजी ने कहा कि ज्ञानाशाला भावी पीढ़ी में सत् संस्कारकों के बीजारोपण का सशक्त माध्यम है। गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी की सुझबुझ से ज्ञानाशाला एक व्यवस्थित प्रारुप के अंतर्गत चलती है। बच्चों में ज्ञानार्जन के साथ उनके चारित्रिक, व्यावहारिक पक्ष का भी प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि ज्ञानार्थीयों का चहुंमुखी विकास हो सके।
इस कार्य की समायोजना के लिए श्री सुरेन्द्रजी सालेचा ज्ञानाशाला- मारवाड़ आंचलिक संयोजक, श्री मोतीलालजी जीरावला संयोजक - पारमार्थिक शिक्षण संस्था, श्री धनराज जी ओस्तवाल अध्यक्ष- तेरापंथी सभा, बालोतरा तथा कार्यकारिणी सदस्य- तेरापंथी महासभा, श्री कमलेश कोचर, श्रीमती मंजुदेवी कोचर, सुश्री इंदु तथा सुश्री सपना फलसुंड का मार्गदर्शन, सहयोग रहा।
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