जागरूक व्यक्ति पाता विकास को : मुनिश्री हिमांशुकुमार
◆ हुब्बल्लि चातुर्मास सम्पन्न कर पधारे गदग
★ मुनिश्री के स्वागत में उमड़ा जन सैलाब
■ 11 दिन का होगा गदग प्रवास
गदग 12.11.2022 शनिवार : आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री हिमांशुकुमारजी ठाणा 2 हुलकोट्टी से 12 किलोमीटर का विहार कर गदग पधारने पर सकल जैन समाज के लोग सामने पधारे एवं विहार में सम्मिलित हो रैली और जय घोषों के साथ मुनिश्री का तेरापंथ सभा भवन में प्रवेश हुआ।
मुनिश्री हिमांशुकुमारजी के गदग नगर प्रवेश का वीडियो देखने के लिए क्लिक करें 👇
धर्मसभा में परिवर्तित रैली में समागत श्रद्धालु परिषद् को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री हिमांशुकुमारजी ने फरमाया कि जो व्यक्ति धर्म संघ के प्रति निरंतर जागरूक रहता है, उसकी बुद्धि का हमेशा विकास होता है। जो व्यक्ति सोया हुआ रह जाता है, वह दुर्भाग्यशाली माना जाता है। हमारे अपने जीवन में जागने का बहुत बड़ा महत्व होता है एवं व्यक्ति स्वयं अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकता है। संत श्रावक समाज को जगाने के लिए लंबे-लंबे विहार करके एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र परोसते जाते हैं। आज हमारा भी हुब्बल्लि चातुर्मास संपन्न करके गदग आना हुआ। हुब्बल्लि क्षेत्र अपने आप में साधना का केंद्र माना गया है। वहां के सकल जैन समाज की धर्म संघ के प्रति श्रद्धा, भक्ति देखकर मन में आनंद का अनुभव होता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि व्यक्ति के जीवन में जागरूकता अपने आप में एक प्रेरणा देती है। संत देव पुरुष के समान होते हैं, व्यक्ति चाहे कोई भी पद पर क्यों ना हो, अध्यक्ष या मंत्री भी क्यों ना हो। जब तक व्यक्ति के भीतर अहंकार का भाव रहता है, तब तक वह संतों के पास कभी नहीं जाता है। हर व्यक्ति को संतो के पास सदैव समर्पण भाव से जाना चाहिए, संतो के पास अहंकार के भाव से कभी नहीं जाना चाहिए।
मुनिश्री ने विशेष रूप से कहा कि हर कोई व्यक्ति अगर चाहे तो गुरुदेव के बताए हुए छोटे- छोटे सूत्रों को अपने जीवन में उतारकर अपने आप को भाग्यशाली बना सकता है। व्यक्ति अगर चाहे तो छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में उतारकर बहुत बड़ा बदलाव भी ला सकता है। साधु का विहार नौ वर्ती माना जाता है, चार महीना का चातुर्मास काल छोड़ विशेष परिस्थिती के एक ही जगह पर एक महीने से ज्यादा साधु कभी रुक नहीं सकते, गदग क्षेत्र को इस विहार में सबसे ज्यादा इग्यारह दिन यानी 264 घंटों का लाभ मिला है, पुरा श्रावक समाज इसका पुरा - पुरा लाभ लेने का प्रयास करें, अपना लक्ष्य रखें। संत जहां भी जाते हैं, लोगों के आत्म कल्याण एवं उनके जीवन को श्रेष्ठ बनाने, अच्छा बनाने का प्रयास करते है।
मुनि श्री हेमंतकुमारजी ने अपनी मधुर वाणी से मंगलमय प्रवचन में फरमाया कि आजकल लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं रहती, जो व्यक्ति साधु के पास पहुंचकर अपने पात्रता से ज्ञान को प्राप्त कर लेता है, उनका सान्निध्य पाकर तत्वज्ञान एवं धर्म को सिख लेता है, वह अपना जीवन उज्जवल कर लेता है। पूर्ण योग्यता से ज्ञान को ग्रहण करने का लक्ष्य रखें। साधु आते हैं और चले जाते हैं, जो समय गदगवासियों को मिला है, उसका अपनी जागरूकता से, साधु से मिलने वाली ऊर्जा को अपने जीवन में उतारने का प्रयत्न करें।
मुनिश्री जी का मर्यादा महोत्सव सिंधनूर में रहेगा, उसके पश्चात शेष बचे हुए क्षेत्रों को परसने का भी भाव रहेगा।
गदग वासीयों ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। सुबह रैली एवं प्रवचन में गदग सकल जैन समाज के साथ हुब्बल्लि श्रावकों की अच्छी उपस्थिति रही। हुब्बल्लि से तेरापंथ समाज के अध्यक्ष अमोलकचंद बागरेचा, गौतमचंद, अमीचंद वडेरा, मुन्नीलाल पारख एवं गोचरी ग्रुप युवा शक्ति की अच्छी उपस्थिति रही।
समाचार साभार : मुन्नीलाल पारख
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