डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम, भारत के पूर्व राष्ट्रपति को दिया जायेगा "अणुव्रत पुरस्कार - 2022" 


अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी ने डॉ. कलाम के 91वें जन्मदिन पर की घोषणा 

नई दिल्ली/जयपुर 15.10.2022 ; भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक, कुशल शिक्षक डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम) का जीवन प्रामाणिकता, सादगी और विद्वता का उत्कृष्ट संगम था।

 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु में रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में जैनुलाब्दीन कलाम के घर पर डॉ कलाम का जन्म हुआ। इनके पिता नाव बनाते थे और मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नही थी और उन्हें तंगहाली में गुजर-बसर करना पड़ता था। रामेश्वरम की तंगहाल गलियों से जिस तरह रायसीना हिल्स तक का सफर तय किया और भारत के सर्वोच्च पद पहुंच कर भी उन्होंने निर्भीमान और सादगीपूर्ण जीवन जीया और नई पीढ़ी को अपने गहन विचारों से प्रभावित किया। 


अणुव्रत आंदोलन के साथ इनका नजदीकी जुड़ाव रहा। उन्होंने अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ से प्रेरणा प्राप्त कर शांति की मिसाइल बनाने का संकल्प लिया था और जीवन पर्यंत भारत और विश्व में शांति और सद्भाव के लिए काम करते रहे। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ के साथ मिल कर उन्होंने "द फैमिली एंड द नेशन" नामक प्रसिद्ध पुस्तक का सह लेखन किया था। 


यह संयोग है कि इस पुरस्कार की घोषणा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब के 91वें जन्मदिन पर की जा रही है। पुरस्कार के अंतर्गत एक लाख इक्यावन हजार का चेक, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा, जिसे डॉ. अब्दुल कलाम के पौत्र और एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन के सह-संस्थापक शेख सलीम ग्रहण करेंगे। पुरस्कार 31 अक्टूबर 2022 को छापर में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में आयोजित होने वाले "राष्ट्रीय अणुव्रत अधिवेशन" के दौरान एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।  - साभा
र अणुवीभा