सर्व धर्म संसद 2022 का आयोजन : बेंगलुरु
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की रही विशेष उपस्थिति
विविधता में एकता ही भारत की पहचान - मुनि अर्हतकुमार
बेंगलुरू ; राष्ट्रीय बसवा संस्थान के तत्वावधान ने सर्वधर्म संसद 2022 का आयोजन व्हाइट पेटल्स पैलेस ग्राउंड में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई। मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के साथ दीप प्रज्वलन किया। मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई ने उपस्थित जनमेदनी को संबोधित किया।
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री अर्हत् कुमारजी ने श्रद्धालुओं से कहा विविधता में एकता ही भारत की पहचान है। भारतीय संस्कृति विशाल एवं पावन संस्कृति है। इस संस्कृति ने सभी धर्मो को एकता के सूत्र में ही मे पिरोया है। जैसे एक बगीचे में नाना प्रकार के फूल होते है, फल लगते है, उसी प्रकार भारत में विविध धर्म अपने सिद्धांतों के साथ रह रहे है। विविधता में एकता भारत की महान संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। संप्रदाय अलग हो सकते है, सिद्धांत, नियम अलग हो सकते हैं, मार्ग अलग हो सकते है, पर सबका लक्ष्य एक है- मुक्ति, परमात्मा की प्राप्ति। पर आज इसी को हिंसा का, लडाई का मुद्दा बनाया जा रहा है, जो आगे जाकर जटिल परिस्थिति खडी कर सकती है। हमें हर धर्म का सम्मान करते हुए भारत के गौरव की अभीवृद्धि करनी चाहिए।
मुनिश्री भरतकुमारजी ने अंगेजी में अपने विचार व्यक्त किये। मुनिश्री जयदीपकुमारजी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश नागमोहन, पूर्व इसरो अध्यक्ष किरण कुमार एवं विविध धर्मो के धर्म गुरुओं ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर तेरापंथ संस्थाओं के पदाधिकारीगण, सदस्य एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थिति थे।
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